एमएनएस की ओर से मुंबई के बोरीवली पूर्व के अभिनव नगर में तीन दिवसीय मिसल उत्सव का आयोजन किया गया है। यह महोत्सव शुक्रवार 26 जनवरी से शुरू हुआ। इस बीच मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे भी इस मिसल उत्सव में पहुंचे| इस मौके पर शिंदे गुट के विधायक प्रकाश सुर्वे भी मौजूद थे|ऐसे में देखा गया कि उपस्थित लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं| बोरीवली के लोगों ने भी इस मिसल उत्सव पर सहज प्रतिक्रिया दी।
पिछले कुछ दिनों से सरकार में चल रही उथल-पुथल को देखते हुए कई समीकरण बदल गए हैं| राज ठाकरे को लेकर भी ऐसी ही चर्चाएं थीं| राज ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच कई बैठकें भी हुईं| तो एक बार फिर राजनीतिक गलियारे में चर्चा शुरू हो गई, लेकिन अक्सर यह समझाया जाता है कि इन दोनों नेताओं की मुलाकात के पीछे कोई राजनीतिक कारण नहीं है,लेकिन फिर भी भविष्य में इन दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता|
मंच पर शिंदे गुट के विधायक राज ठाकरे: इस बीच प्रकाश सुर्वे एमएनएस की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए| इससे राजनीतिक गलियारे में एक बार फिर चर्चा छिड़ गई है| जिस दिन मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे समारोह में शामिल हुए, उसी दिन प्रकाश सुर्वे भी मौजूद थे, इसलिए कहा जा रहा है कि इन चर्चाओं को राजनीतिक रूप से अधिक महत्व मिल गया है|
दरअसल, भाजपा के नेताओं के मुंह से यह बात बार-बार सुनने को मिल रही थी कि अप्रवासियों पर राज ठाकरे का रुख भाजपा-एमएनएस गठबंधन के लिए मौत की घंटी है,लेकिन भाजपा में चर्चा है कि शिंदे गुट, जो फिलहाल भाजपा के साथ है, मनसे गठबंधन का स्रोत है| इसलिए कहा जा रहा है कि शिंदे-ठाकरे गठबंधन से भाजपा को सीधा फायदा होने की संभावना है|
राज ठाकरे और मुख्यमंत्री शिंदे के बीच बैठक सत्र: पिछले कुछ महीनों में एक बात जो स्पष्ट हुई है वह यह है कि राज ठाकरे कोई भी मुद्दा उठाते हैं और सरकार उस पर तत्काल ठोस कदम उठाती नजर आती है। चाहे वह टोल, मराठी बोर्ड या बीडीडी सिडको निवासियों का मुद्दा हो। राज ठाकरे मामला लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुंचते हैं और फिर मंत्री राज ठाकरे से मिलने शिवतीर्थ पहुंचते हैं|फिलहाल तो यही तस्वीर है| इसलिए चाहे मुख्यमंत्री से मुलाकात हो या एमएनएस के कार्यक्रम में शिंदे गुट के विधायकों की मौजूदगी, राजनीतिक गलियारे में यह सवाल हमेशा उठता रहा है कि कहीं नया गठबंधन दोबारा शुरू तो नहीं हो जाएगा|
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