उल्हासनगर में फायरिंग के बाद विधायक गणपत गायकवाड को कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन कुछ ही मिनटों में गणपत गायकवाड़ को कोर्ट से बाहर ले जाया गया| इस बीच विधायक गणपत गायकवाड को 14 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है|फायरिंग मामले में उल्हासनगर कोर्ट में सुनवाई हुई|शुरुआत में कहा गया कि गणपत गायकवाड को वीसी द्वारा कोर्ट में पेश किया जाएगा,लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए वीसी द्वारा गणपत गायकवाड को बिना पेश किए ही कोर्ट में पेश किया गया| साथ ही इस समय पुलिस ने कोर्ट से गणपत गायकवाड की 14 दिन की पुलिस हिरासत मांगी है|
सुनवाई के दौरान वास्तव में क्या हुआ?: सुनवाई न्यायमूर्ति ए.ए निकम की पीठ के समक्ष की गई। इस दौरान पुलिस ने कोर्ट को बताया कि गणपत गायकवाड ने गोली चलाई थी|इसके बाद गणपत गायकवाड की बंदूक पुलिस ने जब्त कर ली| साथ ही पुलिस ने कोर्ट को बताया कि हम इस मामले में गहन जांच करना चाहते हैं और फरार आरोपियों की तलाश भी करना चाहते हैं|पुलिस द्वारा 14 दिन की पुलिस हिरासत मांगे जाने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया,लेकिन अब गणपत गायकवाड को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है|
कोर्ट में आखिर क्या है दलील?: गणपत गायकवाड के वकील राहुल अरोटे ने कोर्ट में सवाल उठाया कि घटना का सीसीटीवी कैसे लीक हुआ। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के केबिन का सीसीटीवी लीक हो गया| वकीलों ने यह भी दावा किया कि ऐसा जानबूझकर किया गया|साथ ही सरकारी वकीलों ने दावा किया कि महेश गायकवाड़ को 6 गोलियां लगी थीं| इस पर गणपत गायकवाड के वकीलों ने भी आपत्ति जताई|
घटना का सीसीटीवी: विधायक गणपत गायकवाड, महेश गायकवाड और राहुल पाटिल समेत अन्य लोगों के साथ हिल लाइन पुलिस स्टेशन में थे| इन दोनों गुटों के बीच चल रही बातचीत अचानक गर्म हो गई और विधायक गणपत गायकवाड ने सीधे अपनी पिस्तौल निकाली और फायरिंग शुरू कर दी| फायरिंग में महेश गायकवाड और राहुल पाटिल को गोली लग गई।
गोलियों की आवाज सुनकर एक पुलिसकर्मी तुरंत अंदर पहुंचा। लेकिन तब विधायक गायकवाड महेश गायकवाड की पिटाई कर रहे थे|पुलिसकर्मी ने उन्हें रोकने की कोशिश की|इसी समय दोनों गुटों के कार्यकर्ता भी अंदर की ओर दौड़ पड़े। दोनों कार्यकर्ताओं की आपस में हाथापाई हो गई। कार्यकर्ता एक दूसरे पर कुर्सियां उठाकर भिड़ गए।
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