ऐसा लग रहा है कि राज्य की राजनीति में एक बार फिर से उथल-पुथल मचेगी| पिछले दो सालों में शिवसेना और एनसीपी दो धड़ों में बंट गई हैं| अब महाराष्ट्र की जनता के मन में सवाल है कि क्या कांग्रेस पार्टी को महाराष्ट्र में सफाया होने वाला है| कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने पार्टी छोड़ दी है और उनके भाजपा में शामिल होने की चर्चा है| कहा जा रहा है कि अशोक चव्हाण के साथ कुछ कांग्रेस विधायक भी कांग्रेस में शामिल होंगे| पुणे के भोर विधायक संग्राम थोप्टे ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है|
संग्राम थोपटे ने क्या कहा?: मुझे यह खबर मीडिया से मिली, अशोक चव्हाण का इस्तीफा मेरे लिए मानसिक झटका है| यह पता नहीं चल पाया है कि अशोक चव्हाण और अमर राजुकर ने इस्तीफा क्यों दिया| कांग्रेस विधायकों और नेताओं के भाजपा में शामिल होने की चर्चा पर अभी टिप्पणी करना उचित नहीं होगा| संग्राम थोप्टे ने कहा, आने वाले समय में तस्वीर साफ हो जाएगी, जो नेता पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टियों में शामिल होंगे, वे बता पाएंगे कि वे क्यों पार्टी छोड़ रहे हैं।
मेरे कांग्रेस छोड़ने और अन्य दलों में शामिल होने का सवाल: न्यूज चैनलों और प्रिंट मीडिया में मेरे बारे में कई तरह की खबरें आई हैं, मैंने उस समय इसका खुलासा किया था। इसलिए कहीं और जाने का सवाल ही नहीं उठता, जो लोग पार्टी छोड़ने वाले हैं उनकी चर्चा चल रही है, मैं नहीं कह सकता कि उनकी नाराजगी क्या है| थोप्टे ने यह भी कहा कि अगर उनका प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले से कोई मतभेद है तो उन्हें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे पार्टी नेताओं से चर्चा करनी चाहिए|
इस बीच, पुणे में कांग्रेस भवन में तोड़फोड़ की गई क्योंकि माविआ सरकार के दौरान संग्राम थोपटे को मंत्री पद नहीं दिया गया था। इसके बाद कांग्रेस से विधान सभा अध्यक्ष थॉम थोप्टे भी इस दौड़ में थे, लेकिन फिर भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी| कई बार देखा गया कि थोप्टे इस बात से परेशान थे|
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