छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के साथ ही साथ धर्मांतरण की समस्या से भी जूझ रहा है| बड़ी संख्या में आदिवासी अपने मूल धर्म को छोड़कर अन्य धर्म को अपनाते जा रहे है| धर्म परिवर्तन राज्य सबसे गंभीर समस्या है|भाजपा ने विधानसभा चुनाव में धर्मांतरण रोकने का वादा किया था| सत्ता में आने के बाद इस संबंध में कदम उठाए गए हैं| छत्तीसगढ़ में शीघ्र धर्मांतरण पर नियंत्रण के लिए विधेयक लाया जाएगा। इस बिल के प्रावधानों के मुताबिक, जो व्यक्ति धर्म परिवर्तन करना चाहता है उसे 60 दिन पहले जिला मजिस्ट्रेट के पास आवेदन देना होगा,जिसमें इसकी पूरी जानकारी होगी| इसके बाद पुलिस आवेदन की जांच करेगी।
धर्म परिवर्तन के पीछे असली कारण क्या है? इसकी जांच की जायेगी| इन प्रावधानों के साथ एक नया विधेयक छत्तीसगढ़ विधानसभा में पेश किया जाएगा। गत दिनों पहले ही राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने धर्मांतरण विरोधी बिल सदन में लाने की बात कही थी। शिक्षा एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा था कि कई ताकतें छत्तीसगढ़ की मूल पहचान को बदलने के लिए काम कर रही हैं।
राज्य में मुख्यमंत्री साय ने कहा था कि राज्य में ईसाई मिशनरियाँ स्वास्थ्य एवं शिक्षा की आड़ में धर्मांतरण करवा रही हैं। हालांकि बिल का मसौदा तैयार है, लेकिन विधानसभा में पेश करने से पहले इसमें कुछ संशोधन किए जाने हैं, जो व्यक्ति धर्म परिवर्तन करना चाहता है उसे एक महीने पहले एक आवेदन पत्र भरना होगा। मसौदे में यह भी कहा गया है कि एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन बल, प्रभाव, धोखाधड़ी, विवाह या रीति-रिवाज से नहीं किया जा सकता है। मसौदे में यह भी कहा गया है कि यदि जिला मजिस्ट्रेट को उक्त आवेदन में कुछ भी संदिग्ध लगता है, तो धर्मांतरण अवैध माना जाएगा।
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