23 C
Mumbai
Friday, November 29, 2024
होमब्लॉगभारत की ऊर्जा सुरक्षा में पिछले 5 वर्षों में हुआ महत्वपूर्ण विकास

भारत की ऊर्जा सुरक्षा में पिछले 5 वर्षों में हुआ महत्वपूर्ण विकास

देश आयातित ईंधन पर अपनी निर्भरता कम करने और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को अपनाने में सफल रहा है।

Google News Follow

Related

-प्रशांत कारुलकर

पिछले पांच वर्षों में भारत ने अपनी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, देश आयातित ईंधन पर अपनी निर्भरता कम करने और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को अपनाने में सफल रहा है।

———————आइए, इन विकासों पर एक नज़र डालें:————————

नवीकरणीय ऊर्जा का तेजी से विकास: भारत ने सौर और पवन ऊर्जा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की है। 2019 से 2023 के बीच, सौर ऊर्जा क्षमता लगभग चार गुना बढ़कर 50 गीगावॉट से अधिक हो गई है, जबकि पवन ऊर्जा क्षमता दोगुना से अधिक होकर 70 गीगावॉट से अधिक हो गई है। सरकार ने महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिसका लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल करना है।

घरेलू तेल और गैस उत्पादन में वृद्धि: सरकार ने घरेलू तेल और गैस उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं, जिससे आयात कम करने में मदद मिली है।

ONGC और OIL जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने अन्वेषण और उत्पादन गतिविधियों को बढ़ाया है।

कोयले से स्वच्छ ईंधन की ओर बढ़ना: सरकार कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों से उत्सर्जन को कम करने और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

इसके अलावा, सरकार कोयले से गैस और हाइड्रोजन उत्पादन जैसी स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों को बढ़ावा दे रही है।

ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना: सरकार ने उद्योगों, भवनों और परिवहन क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।

इन कार्यक्रमों में ऊर्जा-कुशल उपकरणों को अपनाने के लिए सब्सिडी, लेबलिंग कार्यक्रम और सख्त ऊर्जा मानक शामिल हैं।

आयात विविधीकरण: भारत अपनी ऊर्जा आयात को विभिन्न देशों से प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है, ताकि किसी एक आपूर्तिकर्ता पर निर्भरता कम हो सके। इस रणनीति के तहत, भारत ने रूस, अमेरिका और अन्य देशों से तेल और गैस का आयात बढ़ाया है।

हालांकि, भारत को अपनी ऊर्जा सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण से जुड़ी चुनौतियां, भंडारण समाधान की कमी और बढ़ती ऊर्जा मांग शामिल हैं। सरकार इन चुनौतियों का समाधान करने और भारत को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

यह भी पढ़ें-

महाराष्ट्र में होगा ‘राजनीतिक विस्फोट’, गिरीश महाजन की नई भविष्यवाणी!

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,290फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
201,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें