हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने राज्यसभा चुनाव में पार्टी से बगावत कर भाजपा उम्मीदवार को वोट देने वाले सभी छह कांग्रेस विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की है|इन सभी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है|विधानसभा अध्यक्ष ने यह कार्रवाई दल-बदल कानून के तहत की है|पठानिया ने कहा, मंत्री हर्षवर्धन ने छह विधायकों के खिलाफ दल-बदल विरोधी कानून के तहत शिकायत दर्ज कराई थी|हर्षवर्धन और सभी छह विधायकों की बात सुनने के बाद हमने इन छह विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है|
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, इन विधायकों ने कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था,लेकिन अब उन्होंने कांग्रेस के इस व्हिप का उल्लंघन किया है|उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को वोट नहीं दिया|मैंने दोनों पक्षों के दावे और प्रतिदावे सुने हैं और तीस पेज का एक बयान जारी किया है।इसके तहत विधायक सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजेंद्र सिंह राणा, चैतन्य शर्मा, देवेंद्र भुट्टो, इंदर दत्त लखनपाल के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई की गई है|
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा सीटों के लिए 27 फरवरी को मतदान हुआ था|इस बार कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को बीजेपी के हर्ष महाजन ने हरा दिया|हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत स्पष्ट थी| हालांकि,भाजपा उम्मीदवार को सबसे ज्यादा वोट मिलने से कांग्रेस हार गई, जिससे यह साफ हो गया है कि हिमाचल प्रदेश में क्रॉस वोटिंग हुई है|वहीं दूसरी ओर मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस पर ही आरोप लगाते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है|
देश की 41 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हुए। हिमाचल प्रदेश में एक सीट के लिए भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर थी| चूँकि कांग्रेस सत्ता में थी, उनके पास बहुमत था। वहीं उन्हें निर्दलियों का भी समर्थन प्राप्त था| ऐसे में संकेत मिल रहे थे कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को बहुमत मिलेगा| हालांकि, यहां भाजपा का उम्मीदवार चुना गया| तो पता चला कि यहां क्रॉस वोटिंग हुई है| भाजपा से हर्ष महाजन और कांग्रेस से अभिषेक मनु सिंघवी उम्मीदवार थे,लेकिन, यहां भाजपा की जीत हुई तो अब भाजपा ने कांग्रेस की आलोचना की है|
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