देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक के 850 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने छापेमारी शुरू कर दी है। एक साथ देश में 67 जगहों पर छापेमारी की गई|इसमें राजस्थान के जोधपुर, जयपुर, जालौर, नागौर और बाड़मेर के साथ-साथ महाराष्ट्र के पुणे में यूको बैंक की शाखाएं शामिल हैं। इस मामले में पिछले साल नवंबर महीने में केस दर्ज किया गया था| IMPS के जरिए ग्राहकों के खातों में 850 करोड़ रुपये जमा किए गए|
विभिन्न स्थानों पर छापेमारी के दौरान सीबीआई ने 130 दस्तावेज, 40 मोबाइल, 2 हार्ड डिस्क और एक इंटरनेट डोंगल जब्त किया है। साथ ही सीबीआई ने छापेमारी के दौरान 30 संदिग्धों से पूछताछ की है|
क्या है मामला: पिछले साल 10 से 13 नवंबर के बीच यूको बैंक के 41,000 खाताधारकों के खाते में अचानक पैसे जमा हो गये| सभी खाताधारकों की कुल रकम 850 करोड़ रुपये थी| जिन बैंक खातों से लेनदेन दिखाया गया था, उनसे पैसे काटे बिना पैसा यूको बैंक खाते में दिखाई दिया। जिससे जांच एजेंसियों के होश उड़ गए| ये सभी ट्रांजेक्शन IMPS के जरिए ही किए गए थे| इससे जांच एजेंसियां सतर्क हो गईं। इस मामले में केस दर्ज किया गया था|
पैसा जमा होते ही निकाल लेते हैं लोग: कई लोग खाते में पैसा जमा होते ही रकम निकाल लेते हैं। यूको बैंक की ओर से शिकायत दी गई थी| इसके बाद दो इंजीनियरों और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। सीबीआई ने उनके पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर,डेबिट और क्रेडिट कार्ड जब्त किए गए थे|
इस मामले में यूको बैंक ने ही शिकायत की थी| बैंक ने पहले कहा था कि यह गबन करीब 1.53 करोड़ रुपये का है| बाद में बैंक ने शेयर बाजार को बताया कि यह गड़बड़ी तकनीकी खराबी के कारण हुई है। बाद में पता चला कि ई-मित्र संचालकों और बैंक कर्मचारियों ने मिलकर तकनीकी गड़बड़ी का फायदा उठाकर 850 करोड़ रुपये निकाल लिए। बैंक ने 649 करोड़ रुपये की वसूली की है|
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