आम आदमी पार्टी नेता स्वाति मालीवाल की पिटाई का मामला पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में है| यह मामला अदालत तक पहुंच गया है और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने इसे लेकर लगातार आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की आलोचना की है| इस मामले में देखा गया कि दोनों तरफ से जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगे|इस बीच स्वाति मालीवाल मामले को लेकर चल रही चर्चा या मामले की मीडिया कवरेज के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है| इस याचिका को खारिज करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाई है|
स्वाति मालीवाल की पिटाई के मामले को मीडिया में विस्तार से कवरेज मिल रही है और इस पर खुलकर चर्चा भी हो रही है| हालांकि, याचिका में दावा किया गया था कि शारीरिक हिंसा मामले की पीड़िता स्वाति मालीवाल से बातचीत करने पर उनकी पहचान उजागर हो गई| याचिका में यह भी कहा गया कि लोगों और मीडिया को इस पर चर्चा और रिपोर्टिंग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए| साथ ही इस रिपोर्टिंग पर तत्काल रोक लगाने की भी मांग की गई| इस याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा है कि इसके पीछे राजनीतिक मकसद है|
जजों ने क्या कहा?: दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच के सामने इस संबंध में सुनवाई हुई| शुरुआती सुनवाई के बाद बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह एक जनहित याचिका यानी पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन है| अगर यहां पीड़िता खुद सभी समाचार चैनलों पर जाकर इस सारी घटना के बारे में बात कर रही है, तो आप इस संबंध में जनहित याचिका दायर करने वाले कौन होते हैं? आपके द्वारा दायर की गई इस जनहित याचिका के पीछे राजनीतिक मंशा का पुट है। इस याचिका को दायर करने के पीछे आपका मकसद संदिग्ध है और इसके अन्य पहलू भी हैं|
"If the victim is going to all channels and talking about it, who are you to file a PIL? There is a political colour behind this PIL."
Delhi High Court rebukes lawyer for filing PIL to stop media from reporting on Swati Maliwal assault case.#DelhiHighCourt @SwatiJaiHind… pic.twitter.com/RlZ49VnTeR
— Bar and Bench (@barandbench) May 31, 2024
“आप आज जो कर रहे हैं वह गलत है”: आप स्पष्ट रूप से इस मामले में पीड़ित के व्यक्तिगत अधिकारों के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। ये तो आप भी जानते हैं| इस याचिका में राजनीतिक मकसद नजर आ रहा है| आपने ये सिर्फ पब्लिसिटी के लिए किया| कोर्ट बार एसोसिएशन से पूछना चाहता है कि उनके वकील क्या कर रहे हैं| आप जो कर रहे हैं वह गलत है| आपसे कानून का ज्ञान रखने वाला व्यक्ति होने की अपेक्षा की जाती है।
आपको घटना के सभी पक्षों पर विचार करना चाहिए| इस मामले में पीड़िता अपनी बात रख रही है| वे सभी समाचार चैनलों पर जा रहे हैं। हमें आपकी याचिका के संबंध में बार एसोसिएशन के पास शिकायत दर्ज करनी होगी”, अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील को भी फटकार लगाई। इस बीच, अदालत द्वारा बार एसोसिएशन के साथ शिकायत का मुद्दा उठाए जाने के बाद याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से याचिका वापस लेने का अनुरोध किया।
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