इन दिनों पाकिस्तान में फेडरेशन बजट सत्र पर अधिवेशन जारी है। साथ ही पाकिस्तान में सत्ता में बैठी शाहबाज़ सरकार आर्मी के रहमों करम और उसके आशीर्वाद से ही चल रही है। जब की पाकिस्तान की जनता में लोकप्रिय नेता और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान जेल में कैद है। पाकिस्तान के लोग पाकिस्तान की इस हालत का जिम्मेदार आर्मी और अमेरिका को मानते है।
बीते दिनों पाकिस्तान की संसद में बजट पेश किया गया जिसमें हमेशा की तरह बजट का बहुत बड़ा कट आर्मी को दिया गया। इसी से आगबबूला इमरान खान के समर्थक संसद और पाकिस्तान के पूर्व मेरीटाइम अफेयर मिनिस्टर और सांसद सैयद फैसल अली सब्जवारी ने भरी संसद में सबको खरी खोटी सुनाई। सब्ज्वारी बोलते हुए अपना आपा ऐसे खोये की उन्होंने पाकिस्तान में गैर-मुस्लिम और अल्पसंख्यक मुस्लिम फिरकों पर होनेवाले अत्याचार का कच्चाचिठ्ठा खोल दिया।
फैसल सब्जवारी ने कहा, दस दिन के पेपर उठा के देख लीजिए क्या क्या वारदातें हुई हैं| कुछ ऐसे जिनको खुदा ने हिदायत नहीं दी तो क्या करें मार दें उनको? टैंको के आगे खड़ा कर देते है| दस दिन में पुलिस घुसी है कराची और पंजाब में उनके घरों में, फिर हमने क्या किया? हमने कुर्बानी का गोश्त (गोमांस) नमल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में एक डिफरेंटली एबल्ड हिन्दू विद्यार्थी (दिव्यांग हिन्दू विद्यार्थी ) को खिलाया, फिर हमने सवात में नामनिहायत इल्जाम लगाया तौहीन का… और मार दिया एक मुसलमान को, उससे पहले हमने पंजाब के मुख्तलिफ शहरों में किया, कभी गुजरां में किया, कभी कराची की क्रिस्चन बस्तियों में किया…और कोई सजाए नहीं मिल रहीं है उनकों और आप चाहते है कि वो इन्वेस्टर यहाँ पर आये…”|
इन दिनों पाकिस्तान बाहरी देशों से इन्वेस्टमेंट लाने की कोशिश में है। पर पाकिस्तान में गैर मुसलमानों पर होते जुल्म अपराध और वारदातें देखते हुए कोई भी गैर मुस्लिम देश या निवेशक निवेश करने से कतरा रहा है। पाकिस्तान में आए दिनों लोगों पर कुरान, इस्लाम, या इस्लाम के प्रोफेट मुहम्मद पर किसी भी कारण तौहीन के मामले निकलते है। जिस पर आक्रोशित भीड़ इकठ्ठा होकर आरोपी को मार देती है, जिस पुलिस स्टेशन में अपराधी कैद हो वो पुलिस स्टेशन भी जलाया जा सकता है। इसी वहशीपन से तंग आकर पाकिस्तान के सांसद देशवासियों की कट्टरता के किस्से गिनवाने लगे।
बकरीद के दिन पाकिस्तान की मियावाली की नमल यूनिवर्सिटी के होस्टल में दिव्यांग हिन्दू को गोमांस खाने के लिए जोर जबरन करने का वाकया सामने आया।ऐसा ही एक वाक़िया 21 जून को पंजाब के एक प्रवासी को खैबर पख्तूनख्वा में इस्लाम की तौहीन करने के कारण पुलिस स्टेशन से निकालकर भीड़ ने ज़िंदा जला दिया, जिसके साथ उन्होने पुलिस की गाड़ी और पुलिस स्टेशन भी जला दिया। कुछ दिनों पहले मुसलमानों की भीड़ इकट्ठा होकर कराची के ख्रिश्चन बस्तियों में घुस गई और कई चर्च के ढांचे ध्वस्त किए। कई महीनों पहले श्रीलंका के एक कपडा उद्योग के अधिकारी को पाकिस्तान में सिर्फ एक पोस्टर फाड़ने की वजह से जला दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान की दुनिया भर में किरकिरी हुई थी।
पाकिस्तान की दिक़्क़त यह भी है की देश में पढ़े लिखे लोगों की किल्लत है। और जो भी पढ़े लिखे है उनमें आधे मदरसे से दिनी तालीम लेकर अपनी शिक्षा पूरी किए है। दूसरी बात यह भी है की पाकिस्तान की आर्मी और पाकिस्तान के राजकीय नेता ने पाकिस्तानियों को इस्लाम का चुरन चटवाया है, जिसका असर उतरने से नहीं उतर रहा। पाकिस्तान में किसी वस्तु- उत्पाद की फैक्ट्री चाहे लगे या न लगे पाकिस्तान में आतंकवादी संघटनाएं रोज नए स्वरुप में बनती है, जिस पर दुनिया की कड़ी नज़र है। इसलिए दुनिया पाकिस्तान को कट्टर इस्लामवादी और अल्पसंख्यंकों के लिए नर्क बनते देश के नजरों से भी देखती है।
यह भी पढ़े-
पुणे फर्गुसन इलाके से ड्रग्ज पार्टी के वीडियो के बाद प्रशासन की सख्त करवाई।