बिहार के सारन जिले में गुरुवार सुबह एक और पुल ढह गया|पिछले एक पखवाड़े में राज्य में पुल ढहने की यह दसवीं घटना है। पिछले 24 घंटे में सारन में पुल टूटने की यह तीसरी घटना है|बुधवार को सारन जिले के जनता बाजार क्षेत्र और लहलादपुर क्षेत्र में दो छोटे पुल ध्वस्त हो गये|इस बीच, जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि पुल टूटने की बार-बार हो रही घटनाओं के कारणों का पता लगाने के लिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये गये हैं| उन्होंने कहा कि गुरुवार सुबह पुल ढहने से कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
ग्रामीणों का कहना है कि गंडकी नदी पर बने इस पुल का निर्माण पंद्रह वर्ष पूर्व स्थानीय लोगों ने निजी खर्च से कराया था| पुल के ढहने का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। हालांकि, स्थानीय लोगों ने बताया कि नदी में सफाई कार्य के बाद किनारों के पास मिट्टी कम होने और पानी के तेज बहाव के कारण पुल ढह गया|यह पुल बनियापुर सरेया और सतुआ दो पंचायतों को जोड़ रहा था|
पिछले 16 दिनों में सीवान, सारन, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जिलों में कुल दस पुल ढह गये हैं| स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से जिले में भारी बारिश हो रही है|इसके चलते पुल टूटने की घटनाएं हुई हैं|
जनहित याचिका दायर: सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर बिहार सरकार को पुलों के संरचनात्मक ऑडिट का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।अधिवक्ता ब्रजेश सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका में राज्य में पुलों की सुरक्षा और मजबूती को लेकर चिंता जताई गई है।याचिका में उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति गठित करने के अलावा केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मानदंडों के अनुसार पुलों की निगरानी करने का भी अनुरोध किया गया है।
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