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Sunday, November 24, 2024
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‘संविधान हत्या दिवस’!

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किए गैजेट के अनुसार,आपातकाल की घोषणा के पश्चात सरकार द्वारा सत्ता का दुरुपयोग किया गया था, जिस काल में भारत के लोगों पर ज्यादतियां और अत्याचार किए गए। 

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भारत सरकार ने इंदिरा गांधी द्वारा 25 जून 1975 में अनिश्चित समय के लिए लगाए गए आपातकाल में संघर्ष करने वाले लाखों लोगों का सम्मान करने के उद्देश्य से ‘संविधान हत्या दिवस’ निर्देशित किया है।

भारत सरकार की महत्वपूर्ण पदों पर आसीन होकर संविधान की चेष्टा फिर कोई भी सरकार न कर पाए इसी हेतु इस दिन का निर्देशित किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किए गैजेट के अनुसार,आपातकाल की घोषणा के पश्चात सरकार द्वारा सत्ता का दुरुपयोग किया गया था, जिस काल में भारत के लोगों पर ज्यादतियां और अत्याचार किए गए।
भारत के लोगों का संविधान और भारत के लोकतंत्र पर दृढ़ विश्वास है। इसीलिए भारत सरकार ने आपातकाल की अवधि के दौरान सत्ता का घोर दुरुपयोग का सामना और संघर्ष करने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित किया है, और भारत के लोगों को,भविष्य में, किसी भी तरह से सत्ता के घोर दुरुपयोग का समर्थन नहीं करने के लिए पुनः प्रतिबद्ध किया है।

इस गैजेट से यह सुनिश्चित किया है की भारतीय नागरिक भविष्य में कभी इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल और उस दौर में किए हुए अत्याचारो का समर्थन करने की कोशिश न करें। इस गैजेट के पत्र को ट्वीट करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ‘संविधान हत्या दिवस’ की जानकारी दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गैजेट की लिंक को ‘एक्स’ पर प्रसारित करते हुए अपनी बात रखी है।

इसी के उपलक्ष्य दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा है, “25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। भारत सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय किया है। यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण कराया, उन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था।”

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