बिहार पूर्व मुख्यमंत्री व आरजेडी सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव ने प्रशांत किशोर की जनसुराज्य पार्टी से नजदीक होने पर अपने ही पांच नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। लालू ने यह कार्रवाई करते हुए कहा कि जनसुराज्य भारतीय जनता पार्टी की ‘बी’ की टीम है| वही, इन नेताओं द्वारा पार्टी की साख को धूमिल करने का भी गंभीर आरोप लगाया है। लालू ने इन्हें छह वर्षों के लिए पार्टी के बाहर का रास्ता दिखाया है।आरजेडी के इस कार्रवाई से बिहार की राजनीति गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है|
बता दें की प्रशांत किशोर ने बिहार की दशा और दिशा बदलने के लिए राज्य की राजनीति सक्रिय भूमिका निभाने के लिए जनसुराज्य पार्टी की स्थापना की है|चुनावी रणनीतिकार के रूप में जाने जाने वाले प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में काफी सक्रिय भूमिका निभाते दिखाई दे रहे है|रैलियां और जनसंपर्क के माध्यम से लोगों तक पहुंच बनाते दिखाई रहे है|
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पीके की बढ़ती लोकप्रियता और अपने नेताओं की उनसे नजदीकी को लेकर अपने पांच नेताओं पर कार्रवाई की है। इन सभी पर पार्टी की छवि धूमिल करने का आरोप है। राजद ने इन्हें छह साल के लिए निष्कासित किया है। इनमें पवन भारती, मो. आफताब आलम, शिव कुमार साह, अजीत कुमार और आशा जायसवाल शामिल हैं।
वहीं राजद में इतने बड़े पैमाने में नेताओं के निष्कासन का कार्यालय आदेश जारी होने के साथ राजद कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया है। राजद कार्यालय की ओर से जारी आदेश में लिखा गया है कि अनुशासन के विपरीत जन सुराज संगठन से जुड़ कर दल विरोधी कार्य कर रहे हैं, जिससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है। राजद जिलाध्यक्ष सीपी यादव ने बताया कि राजद पार्टी में रहते हुए उक्त लोगों ने जनसुराज्य पार्टी की सदस्यता ली है। इसकी सूची प्रकाशित होने के साथ सामने आ गया कि कौन-कौन दल विरोधी कार्य में संलिप्त हैं।
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पत्र में लिखा है कि, ‘आये दिन प्रायः सभी जिलों में ऐसा देखने को मिला है कि हमारे पार्टी के कार्यकर्ता या नेता जन सुराज्य पार्टी में सहयोगी या उनके सदस्य बन रहे हैं। यह चिंता का विषय है। विदित हो की जनसुराज्य पार्टी एक राजनीतिक पार्टी है। इसके संस्थापक प्रशांत किशोर उर्फ प्रशांत किशोर पांडेय हैं। फिलहाल राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के द्वारा जारी किये गये इस पत्र का राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं और उनके दल के कार्यकर्ताओं में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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