राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रमों और गतिविधियों में सरकारी कर्मचारी भी भाग ले सकते हैं। इस निर्णय से कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इसकी आलोचना की है| कांग्रेस ने कहा है कि जो प्रतिबंध लगाया गया था वह सही था| विपक्ष के आरोप लगाने के बाद अब टीम ने इस पर सफाई दी है|आरएसएस के सुनील आंबेकर ने सरकार के इस निर्णय की आलोचना को लेकर विपक्षियों पर जोरदार हमला करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी गयी है|
सरकारी कर्मचारियों के RSS में शामिल होने पर लगे प्रतिबंध को सरकार ने हटा दिया|इसको लेकर विपक्ष की ओर से तीखी आलोचना की जा रही है| बता दें कि अटल बिहारी वाजपेई की सरकार के दौरान भी यह प्रतिबंध बरकरार रखा गया था, लेकिन अब जब प्रतिबंध हटा दिया गया है|
क्या है असली मामला?: 1966, 1970 और 1980 में केंद्र की सरकारों ने सरकारी कर्मचारियों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के किसी भी कार्यक्रम में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन मौजूदा एनडीए सरकार ने इस प्रतिबंध को हटा दिया है| सरकार ने कहा है कि सरकारी कर्मचारी संघ के कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं| 58 साल पहले लगाए गए प्रतिबंध को हटाने को लेकर केंद्र सरकार निशाने पर आ गई है।
ओवैसी ने कहा है कि सरकार का यह फैसला देश विरोधी है|ओवैसी ने कहा, ”महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था| ये फैसला सरदार पटेल और पंडित नेहरू ने लिया था| बाद में यह प्रतिबंध हटा दिया गया क्योंकि उन्होंने मान लिया कि हम भारत के संविधान को स्वीकार करते हैं। भारत का झंडा हमारे लिए सलामत है और उन्हें लिखना था कि उनका कार्यक्रम क्या होगा| इन तीन शर्तों पर टीम पर से प्रतिबंध हटाया गया|” ऐसा ओवैसी ने कहा है| इन तमाम आलोचनाओं के बाद अब टीम ने इस पर सफाई दी है|
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अम्बेकर ने क्या कहा है?: “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले 99 वर्षों से राष्ट्र निर्माण और समाज सेवा के लिए काम करने वाला संगठन है। राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता, अखंडता के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए संघ ने किसी भी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में सभी समाजों के लिए योगदान दिया है।
टीम ने देश के लिए जो योगदान दिया है, उसकी सराहना भी की गई है| अब अपने राजनीतिक हित के लिए कुछ सरकार ने कहा है कि सरकारी कर्मचारियों को हमारे (आरएसएस) कार्यक्रमों या गतिविधियों में भाग नहीं लेना चाहिए। मौजूदा सरकार ने यह प्रतिबंध हटा दिया है| यह निर्णय सही है और भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करेगा।
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