वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने मंगलवार (23 जुलाई) को बजट पेश किया। जिसके बाद महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी के नेताओं ने भाजपा और महायुती को घेरना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र में विरोधका का कहना है की, महाराष्ट्र को विकास, उद्योग, कृषि और इंफ्रास्ट्रक्चर से सम्बंधित अबतक कुछ भी नहीं दिया गया है। महाविकास अघाड़ी के सांसद भी इस बजट का विरोध कर रहें है।
आप को बता दें, की इस बजट में अमृतसर से कोलकाता तर स्पेशल इंडस्ट्रियल जोन का भी जिक्र किया गया है। बिहार और आंध्रपदेश को इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए विशेष मदद दी गई है। दूसरी और भारत के पूर्वी भाग में भी अलग अलग स्तर पर उद्योगों और इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा। इस बात से महाराष्ट्र की प्रदेश राजनीती में भूचाल आया है। विरोधकों का कहना है की मोदी सरकार महाराष्ट्र के साथ भेदभाव कर रही है।
इसी बात पर महाराष्ट्र भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने उत्तर दिया है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने केंद्र से महाराष्ट्र के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास प्रोजेक्ट्स के लिए चार से पांच हजार करोड़ के करीब वित्त सहाय्य दिया है। साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को 1.3 लाख करोड़ के दीर्घकालिक कर्जे देने की घोषणा भी की है, जिसमें महाराष्ट्र का भी हिस्सा है।
महाराष्ट्र के लिए बजट से वित्त:
- विदर्भ मराठवाड़ा के सिंचन प्रकल्प : 600 कोटी
- महाराष्ट्र ग्रामीण सड़क विकास: 400 कोटी
- इकॉनॉमिक कॉरिडॉर: 466 कोटी
- पर्यावरणपूरक शाश्वत कृषि प्रकल्प: 598 कोटी
- महाराष्ट्र कृषी और ग्रामीण परिवर्तन प्रकल्प: 150 कोटी –
- MUTP-3 : 908 कोटी
- मुंबई मेट्रो: 1087 कोटी
- दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडॉर: 499 कोटी
- MMR ग्रीन अर्बन मोबिलिटी: 150 कोटी
- नागपूर मेट्रो: 683 कोटी
- नाग नदी पुनरुज्जीवन हेतु : 500 कोटी
- पुणे मेट्रो: 814 कोटी
- मुला-मुठा नदी का संवर्धन प्रकल्प हेतु : 690 कोटी
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