महाराष्ट्र सायबर सेक्युरिटी ने हाल ही में चंद मिनटों के दौरान बैंक से अकाउंट में डाल कर 40 करोड़ रुपए गबन करने की कोशिश को असफल कर दिया। इंडसइंड बैंक के आधिकारिक अकाउंट से एक संदिग्ध म्यूल अकाउंट में करीब 40 करोड़ का व्यवहर हुआ था।
साइबर पुलिस ने कहा जब इंडसइंड बैंक के आधिकारिक अकाउंट से संदिग्ध अकाउंट में 40 करोड़ रुपए जितने बड़ा व्यवहार हुआ तो एक सतर्क कर्मचारी ने तुरंत साइबर पुलिस के पास ऑनलाइन कंप्लेंट दर्ज कराइ, जिसके बाद साइबर पुलिस अलर्ट हो गई। साइबर पुलिस ने अपने बैंकिंग चैनल्स और 1930 हेल्पलाइन के उपयोग के साथ इस अकाउंट को फ़्रिज करवा दिया। साइबर पुलिस का अपने हेल्पलाइन के जरिए सभी बैंक के साथ संपर्क है, जिसके चलते साइबर पुलिस ने कुछ ही मिनटों में इस अकाउंट को फ्रिज करवा दिया।
साइबर सिक्योरिटी के अधिकारीयों ने बताया है की, इंडसइंड बैंक के मामले में अभी पूछताछ और छानबीन शुरु होगी, पैसे को संदिग्ध के अकाउंट में जाने से रोकना, और इस गबन को रोकना हमारी प्राथमिकता थी। फ़िलहाल किसी बैंक के कर्मचारी का मामले में संलिप्त होना, हैकिंग का मामला होना या फिर किसी और मामले की पुष्टि नहीं की जा सकती,पर इस पैसे को चुराया जा रहा था जिसे रोकने में साइबर पुलिस को काफी हद तक सफलता मिली है।
साइबर पुलिस की इस अलर्टनेस के बावजुद करीब सात से आठ करोड़ रुपए के बीच यह पैसा ट्रांसफर हुआ है और बैंक के 30 करोड़ रूपए बचाने में उन्हें सफलता मिली है। ऐसे साइबर हमलों में केवल एक घंटे के भीतर सभी पैसे ट्रांसफर होने का खतरा होता है जिसे गोल्डन आवर भी कहा जाता है।
आपको बता दें की, साइबर सिक्युरिटी की 1930 हेल्पलाइन कॉल रिसवींग के मामले में पिछले कुछ 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट के साथ चल रही है। साथ ही इस साल हेल्पलाइन ने लोगों की मदद करते हुए लगभग 300 करोड़ रुपए फ्रिज कर बचाए है, और उसे लोगों तक वापस पहुँचाया है। इस प्रकरण के बाद साइबर पुलिस ने बैंको को अपनी केवाईसी की प्रक्रिया को और मझबूत बनाने की अपील की है। जिससे की, ऐसे मनी म्यूल अकाउंट पर रोक लगाई जा सके।
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