केरल में भारी बारिश हो रही है और वायनाड जिले के मैप्पडी में भूस्खलन में 143 लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं|साथ ही घायल लोगों की संख्या भी बढ़ गई है और उनका इलाज अस्पताल में किया जा रहा है| आशंका जताई जा रही है कि इस भूस्खलन हादसे में कई लोग अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं|फिलहाल एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की ओर से राहत कार्य जारी है| हालांकि, खराब मौसम और बारिश बचाव कार्य में दिक्कत पैदा कर रही है।
बता दें कि वायनाड जिले में इस भूस्खलन की घटना से 4 से ज्यादा गांव प्रभावित हुए हैं| एनडीआरएफ, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), स्थानीय प्रशासन, पुलिस, नौसेना, फायर ब्रिगेड और भारतीय सेना की टीमें भी फंसे हुए लोगों को बचाने और बचाने के लिए काम कर रही हैं।
इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से बात की और आश्वासन दिया कि इस घटना के बारे में जानने के बाद केंद्र सरकार हर संभव मदद करेगी| वायनाड में भूस्खलन की घटना में सहायता के लिए 200 से अधिक सेना के जवानों को तैनात किया गया है। रात में तलाशी अभियान रोक दिया गया क्योंकि रात में बारिश और अंधेरे के कारण राहत कार्य में बाधा आ रही थी। हालांकि सुबह फिर से राहत कार्य शुरू कर दिया गया है| ऐसा भी कहा जा रहा है कि इस भूस्खलन के दौरान कुछ लोग नदी में बह गये थे|
दो दिन का शोक घोषित: केरल सरकार ने वायनाड में भूस्खलन आपदा के बाद दो दिन का शोक घोषित किया है। यह भी जानकारी दी गई है कि वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर मदद के लिए भेजे गए हैं| इस बीच, कुछ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है।
2 लाख रुपये की राहत: केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि वायनाड भूस्खलन की घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे| साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार से हर संभव मदद का वादा किया है|
राहुल गांधी करेंगे वायनाड का दौरा: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के आज वायनाड जाने की संभावना है| इस यात्रा के दौरान उनके वायनाड भूस्खलन घटना का निरीक्षण करने की संभावना है। वे क्षतिग्रस्त ग्रामीणों से बातचीत कर जायजा भी लेंगे। राहुल गांधी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से भी इस पर चर्चा की|
साथ ही राहुल गांधी ने कहा है कि जिलाधिकारियों से संवाद करते हुए सभी संगठनों के राहत कार्यों में समन्वय बनाए रखा जाएगा और अगर किसी मदद की जरूरत हो तो उन्हें सूचित करने को कहा गया है|