31 जुलाई को आतंकवादी संगठन हमास के प्रमुख इस्माइल हानिये की हत्या के बाद ईरान में इजरायल के खिलाफ कारवाई की मांग अब तेज हो गई है। मोसाद की लगातार कारवाइयों से बौखलाए ईरान द्वारा इजरायल पर ड्रोन और मिसाइल हमले होने का डर भी बनान हुआ है। ऐसे में अमेरिका और जॉर्डन के बाद अब सौदी अरब भी इजरायल के पक्ष में आगया है, इस खबर से ईरान की किरकिरी होनी तय है।
आपको बता दें, कुछ वर्षों से इजरायल की मिलिटरी ख़ुफ़िया एजेंसी, मोसाद और काडोन ने ईरान में कई ऑपरेशन्स किये है। इस्माइल हानिये की मौत से पहले प्रधानमंत्री रईसी की मौत पर दुनिया की एक नजर से इजरायल को देखा था। इससे पहले मोसाद ईरान के न्यूक्लियर साइंटिस्ट को भी उडा चूका है। इन स्थतियों में भी इजरायल ने अब तक अपनी भूमिका और कारवाइयों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकीन ईरान को इजरायल के बढ़ते कदमों का डर लगा हुआ है।
बता दें की, ईरान के पास दुनिया की बेहतरीन (स्टेट ऑफ़ द आर्ट) कह सकें ऐसी ड्रोन प्रणाली है, जिससे इजरायल और उसके बड़ी लोकसंख्या के शहरों को खतरा भी है। इसीलिए इजरायल ने येरूशलेम और आसपास के शहरों को सतर्क रहने का इशारा दिया है। साथ ही गाझा और वेस्ट बैंक से सटे इलाकों में सुरक्षा भी बढ़ा दी है। बता दें कि, ईरान के हवाई हमलों के डर के चलते इजरायल ने येरुशलेम में नागरिकों को बॉम्ब शेल्टर साफ़ करवा कर तैयार करने की सूचनाएं दी है। साथ ही अमेरिका ने ईरान को हमले की गलती न करने की सलाह दी है। दूसरी तरफ गल्फ देशों में ईरान के सबसे बड़े विरोधी सौदी ने इजरायल के मदद की घोषणा की है।
सौदी प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के दरबार ने कहा है,”रियाध ने घोषणा की है कि वह इजरायल के रास्ते में ईरानी मिसाइलों या ड्रोन को अपने हवाई क्षेत्र से गुजरने की अनुमति नहीं देगा।” इससे ईरान और सौदी के बीच की खाई और गहरी होना तय है। साथ ही इजरायल ने भी अपना शक्तिशाली एयर डिफेन्स सिस्टम आयरन डोम को हिजबुल्ला और ईरान के रास्तों में तैनात कर दिया है।
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