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Saturday, September 21, 2024
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मुंबई-नासिक महामार्ग पर गड्ढे भरने ​में होगा​ ‘लियो पॉलीमर तकनीक’ का उपयोग – CM शिंदे!

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सड़क पर गड्ढे भरने के लिए “लियो पॉलीमर टेक्नोलॉजी” तकनीक का उपयोग लंबे समय तक टिकने वाला है इसलिए मुंबई-नासिक महामार्ग पर गड्ढे भरने के लिए इसका उपयोग किया जायेगा।मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उन सभी स्थानों का निरीक्षण किया जहां गड्ढे हुए हैं अथवा ट्रैफिक जाम की स्थिति है। इन गड्ढों को तुरंत भरने के लिए “लियो पॉलिमर टेक्नोलॉजी” का उपयोग करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। इसी के साथ ठाणे-नासिक महामार्ग पर लंबित सड़क कार्यों को तुरंत पूरा किया जाए, ऐसे निर्देश मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज यहां संबंधित अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री शिंदे ने आज ठाणे-नासिक महामार्ग पर खारेगांव से पडघा, तळवली से शाहपुर तक सड़कों का निरीक्षण किया। इस मार्ग पर लगने वाले यातायात जाम के कारणों को देखने के लिए तथा सड़क पर बने गड्ढों को भरने के संबंध में किये जा रहे कामों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री ने स्वयं सड़क पर उतरकर निरीक्षण किया। इसी अवसर पर वे मीडिया से बात कर रहे थे।

सीएम एकनाथ शिंदे महामार्ग पर गड्ढों को भरने का निरीक्षण के दरम्यान ठाणे महानगरपालिका आयुक्त सौरभ राव, एमएमआरडीए के आयुक्त संजय मुखर्जी, जिलाधिकारी अशोक शिनगारे, एमएसआरडीसी के प्रबंधकीय निदेशक तथा उपाध्यक्ष अनिल गायकवाड, पुलिस अधीक्षक डॉ. डी. स्वामी, परिवहन उपायुक्त डॉ. विनयकुमार राठोड, महामार्ग सुरक्षा पुलिस अधीक्षक डॉ. मोहन दहिकर, पुलिस उपायुक्त एस. वी. शिंदे, सड़क परिवहन व महामार्ग मुख्य अभियंता तथा प्रादेशिक अधिकारी अंशुमली श्रीवास्तव, एमएमआरडीए मुख्य अभियंता एस. के. सुरवसे, अधीक्षक अभियंता रमेश किस्ते, भारतीय महामार्ग प्राधिकरण प्रकल्प संचालक बी. एस. साळुंके, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षक अभियंता एस. ए. तांबे, कार्यकारी अभियंता सुनील पाटिल सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। 

इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि ठाणे-नासिक की दूरी पार करने में फिलहाल सामान्य से अधिक समय लग रहा है। इस सड़क पर गड्ढों के कारण और यहां भारी वाहनों के आवागमन के कारण यह स्थिति पैदा हुई है।सार्वजनिक निर्माण, महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास प्राधिकरण, एमएमआरडीए, पुलिस इन संबंधित विभागों की बैठक के पश्चात भारी वाहनों को पार्किंग में खड़ा किया जाए। जब ट्रैफिक कम होगा तब भारी वाहनों को छोड़ा जायेगा, ऐसी योजना बनायी गयी है। इसी प्रकार जेएनपीए से आने वाले वाहनों के संबंध में रायगढ़, ठाणे व पालघर इन तीनों जिलों के जिलाधिकारियों पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये गये हैं।

आपसी समन्वय से यातायात के नियमन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।बारिश के दौरान होने वाले गड्ढों में किसी भी प्रकार की निर्माण सामग्री टिकती  नहीं है।इसलिए इन गड्ढों को भरने के लिए एसएमसी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. लिमिटेड के इंजीनियरों द्वारा शोध किये गये “लियो पॉलिमर टेक्नोलॉजी”तकनीक का उपयोग किया गया है।इसमें फाइबर होता है। इसके ऊपर से भारी वाहन भी गुजर सकते हैं।इस तकनीक का उपयोग करते हुए इस महामार्ग पर बड़े-बड़े पैच भरने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।ठाणे-नासिक और नासिक-ठाणे इस संपूर्ण मार्ग पर गड्ढे भरने का काम इसी तकनीक से किया जायेगा।यह पद्धति टिकाऊ है।उन्होंने कहा कि ऐसा होने से लोगों को यात्रा के दौरान गड्ढों से परेशानी नहीं होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस काम में बाधा डालने वालों के खिलाफ फौजदारी कार्रवाई की जाएऔर सभी को एक टीम के रूप में इस काम को पूरा करना चाहिए।लोग आसानी से यात्रा कर सकें, इसके लिए नयी तकनीक का उपयोग करते हुए सहयोग करना है। जिंदाल, वाशिंद, आसनगांव रेलवे पुल जैसे सभी पुलों पर इस पद्धति का उपयोग किया जाना है।भिवंडी और माणकोली मार्ग के गड्ढे भी भरे जाने हैं।भविष्य में खडवली फाटा पर पुल का निर्माण होगा, जिससे यहां यातायात की भीड़ में कमी होगी।जनशक्ति और यांत्रिक सामग्री का अधिकतम उपयोग करते हुए इन मार्गों को जल्दी से जल्दी पूरा करने के निर्देश संबंधितों को दिये गये हैं।

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