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Friday, September 20, 2024
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अपने शासन में बलात्कार और हत्या के मामले पर प्रदर्शन करने वाली पहली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी!

पुलिस कि अक्षमता, और पार्टी पर लग रहें आरोपों के बीच भी मुख्यमंत्री ममता बॅनर्जी अपनी राजनीती से नहीं चूकि उन्होंने अपने एक भाषण में प्रदर्शनकरियों पर हमला करने वालों को राम-वाम के लोग कह दिया।

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कोलकाता के आरजी कर कॉलेज में युवा डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में रेजिडेंट डॉक्टरों के प्रदर्शन जारी है। डॉक्टरों के प्रदर्शनों से कोलकाता की स्वास्थ्य व्यवस्था भी चरमराई है। कथित तौर पर घटना के बाद शुरुवात से पीडिता और घटनाक्रम के मामले में झूठ फैलाया गया है, जिससे पीड़िता के माता पिता और कलिग्ज ने आपत्ति जताई है। ऐसे में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और गृह मंत्रालय संभालने वाली ममता बॅनर्जी लोगों के प्रति उत्तरदायी है, पर अपने ही शासनकाल में घटी इस घटनापर ममता बॅनर्जी ने मोर्चा निकाला था।

पोस्टमार्टम में पीड़िता डॉक्टर के साथ गैंगरेप की संभावना भी बताई गई है। हालाँकि यह केस कुछ देर बाद सीबीआई के हवाले कर दिया हो, फिर भी सबूतों के साथ छेड़छाड़ का शक अब भी बना हुआ है। बुधवार (14 अगस्त) की शाम सुनियोजित तरीके से आई उन्मादी भीड़ ने प्रदर्शनकारि डॉक्टरों पर हमला कर दिया, जिससे दोषियों को बचाने के लिए घटनास्थल से सुबूतों को मिटाने के आरोप भी लग रहें है। कुछ रेजिडेंट डॉक्टरों ने तो भीड़ में ‘भीड़ में TMC द्वारा भेजे गुंडे’ होने का भी आरोप लगाया है।

गृहमंत्रालय की प्रतिनिधी भी खुद ममता बॅनर्जी है। इतनी बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद कोलकाता पुलिस और ममता बॅनर्जी के हाथ दोषियों तक नहीं पहुंचे। पुलिस ने बिना किसी शर्म के, केस को सीबीआई को सौंप दिया। कोलकाता की पुलिस हमला करने वाली भीड़ को भी रोक नहीं पायी। दूसरी तरफ कोर्ट में कोलकाता के पुलिस आयुक्त के विनीत गोयल के चरित्र और उनके केस को लेकर गंभीरता पर ही सवाल उठें है। भाजपा के सोशल मिडिया प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा की, “कोलकाता पुलिस के कमिश्नर विनीत कुमार गोयल से मिलिए. सीआईडी ​​के महानिरीक्षक के तौर पर वे बहुचर्चित बलात्कार और हत्या मामले में जांच अधिकारी थे, जिसे उन्होंने पूरी तरह से विफल कर दिया. कामदुनी मामले में पीड़िता के शरीर पर खरोंच के निशान बनाने जैसी ही कार्यप्रणाली आरजी कर मामले में भी अपनाई गई.”

पुलिस कि अक्षमता, और पार्टी पर लग रहें आरोपों के बीच भी मुख्यमंत्री ममता बॅनर्जी अपनी राजनीती से नहीं चूकि उन्होंने अपने एक भाषण में प्रदर्शनकरियों पर हमला करने वालों को राम-वाम के लोग कह दिया। कथित तौर पर गैंगरेप की पीड़िता के न्याय के लिए आवाज उठाने वालों में ममता बॅनर्जी को विरोधक दिख रहें थे। राज्य के लोगों से दबाव बढ़ने पर ममता बॅनर्जी ने नया पैंतरा खोज निकला।

ममता बनर्जी आरोपी को मौत की सजा दिलवाने की मांग पर खुद ही सड़क पर उतरीं। अपने पार्टी की महिला सदस्यों के साथ ममता बनर्जी ने 3 किलोमीटर का मार्च निकाला। इससे अपने ही शासन में हुई भयावह घटना पर प्रदर्शन करने वाली ममता बॅनर्जी पहली मुख्यमंत्री बन गयी है। ‘राम,बाम,शाम’ का नारा लगाते हुए अस्पताल में हुई भीड़ हिंसा के पीछे भाजपा और वामपंथियों के सजीश का इल्जाम ममता  बॅनर्जी लगा रहीं थी। पर क्या इससे ममता बॅनर्जी की पुलिस पर लगा अक्षमता का इल्जाम मिटेगा? यह तो वक्त ही बातएगा।

यह भी पढ़ें:

बिहार: पुलिस इनफॉर्मर होने के शक से युवक की हत्या।

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