वैश्विक आर्थिक मंच द्वारा जारी ताजा ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट-2021 में 156 देशों की सूची में भारत 140वें स्थान पर है। 2020 में भारत 153 देशों की सूची में 112वें स्थान पर था। इस ताजा रिपोर्ट में महिलाओं की आर्थिक भागीदारी और अवसर में भी गिरावट दर्ज की गई है। इस क्षेत्र में लैंगिक भेद अनुपात तीन प्रतिशत और बढ़कर 32.6 प्रतिशत पर पहुंच गया है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा कमी राजनीतिक सशक्तीकरण क्षेत्र में आई है। जहां महिला मंत्रियों की संख्या वर्ष 2019 में 23.1 प्रतिशत थी, वहीं 2021 में घट कर 9.1 प्रतिशत रह गई है।
महिला श्रम बल भागीदारी दर 24.8 प्रतिशत से गिर कर 22.3 प्रतिशत रह गई। इसके साथ ही पेशेवर और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका घटकर 29.2 प्रतिशत हो गई है। वरिष्ठ और प्रबंधक पदों पर महिलाओं की भागीदारी भी कम ही रही है। इन पदों पर केवल 14.6 प्रतिशत महिलाएं ही हैं। केवल 8.9 फीसद कंपनियां हैं जहां शीर्ष प्रबंधक पदों पर महिलाएं हैं। रिपोर्ट के अनुसार, यह अंतर महिलाओं के वेतन और शिक्षण दर में भी दिखाई देता है। कोरोना की वजह से भी असमानता में बढ़ोतरी हुई है। अगर समानता की प्रगति इसी तरह चलती रही तो महिला-पुरुषों में समानता आने में 135.6 साल लग जाएंगे, जो पिछले साल तक 99.5 साल थे। यानी साल भर में इस अंतर में 36 साल का इजाफा हुआ है। बांग्लादेश इस सूची में 65वें, नेपाल 106वें, पाकिस्तान 153वें, अफगानिस्तान 156वें, श्रीलंका 116वें स्थान पर हैं।