बुधवार (11 सितंबर) को कर्नाटक के मांड्या जिले में गणेश विसर्जन यात्रा पर समाजकंटकों द्वारा पथराव के बाद मामला बिगड़ गया। गणेश भक्तों पर पत्थरबाजी के बाद मौके पर दोनों गुटों की बीच झड़प की खबर आई। दरम्यान समाजकंटकों ने कई दुकानों और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
दरसल कर्नाटक के मांड्या जिले के नागमंगला कसबे में यह घटना हुई है। पुलिस ने इस हिंसक झड़प को रोकने के कोशिश में हल्का बल प्रयोग किया। घटना के बाद पुलिस आधिकारिक तौर पर कहा है की, मांड्या जिले के बदरीकोप्पल गांव से गणेश विसर्जन की शोभायात्रा निकली थी जिसमें दो गुटों के बीच बहस के बाद पथराव हुआ, और आगजनी की घटना हुई। अब तक 52 लोगों गिरफ्तार किया गया है। साथ ही एहतियात के तौर पर प्रशासन ने 14 सितंबर तक चार से अधिक लोगों को एकत्रित आने पर रोक लगाते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया है।
दरम्यान भीषण पथराव और आगजनी के बाद राज्य में राजनितीक माहौल गरमाया है। शोभायात्रा निकालने वाले समूह ने निकट के थाने पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। वहीं मुख्यमंत्री सिद्धरम्मैया ने बयान दिया है की, हिंसा उपद्रवियों का काम है, जिससे समाज की शांति और सौहार्द में खलल पड़ता है। सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और धार्मिक आधार पर विभाजन पैदा करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का हो।
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दरम्यान मांड्या में हुई हिंसा और आगजनी को लेकर भाजपा नेता सीटी रवि ने कर्नाटक सरकार की तुलना, तालिबान करते हुए यात्रा पर सुनियोजित पथराव का आरोप लगाया। सीटी रवि ने कहा, ”प्री प्लान तरीके से इस घटना को अंजाम दिया गया है। यहां भी यूपी की तरह आरोपियों की संपत्ति पर बुलडोजर एक्शन होना चाहिए। मूर्ति पर पत्थर और चप्पल फेंकी गई हैं, यहां के गृह मंत्री बोलते हैं बहुत हल्की घटना है।” साथ ही भाजपा ने सीटी रवि के माध्यम से आगजनी और पथराव से पीड़ित लोगों के लिए मुआवजे की मांग की है।
वहीं मांड्या हिंसा की घटना पर केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या ने कहा, “जो नाम उन्होंने एफआईआर कॉपी में जोड़े हैं, एक पुलिस अधिकारी ने अस्पताल में रात 1:30 बजे उन सभी नामों का उल्लेख किया था। वह, जो अस्पताल में है, उन नामों के बारे में कैसे जानता है? … यह गलत है, सरकार का प्रायोजित कार्यक्रम है…पुलिस तंत्र की विफलता है । वे सरकार से कुछ सुरक्षा पाना चाहते थे। वे सरकार को अनावश्यक रूप से गुमराह कर रहे हैं…वे निर्दोष लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं…मैं दोनों समुदायों से अनुरोध करता हूं, चाहे वे हिंदू हों या मुस्लिम, किसी भी उल्लंघन की गुंजाइश न दें…राज्य के गृहमंत्री द्वारा सबसे गैरजिम्मेदाराना बयान दिया गया है। उन्होंने अभी तक उस जगह का दौरा नहीं किया है। उन्होंने इसे बहुत हल्के में लिया है…”