मोदी सरकार ने प्याज किसानों के लिए एक अहम और बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने प्याज पर 550 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइज) हटा दिया है। साथ ही निर्यात शुल्क में 20 फीसदी की कटौती कर प्याज उत्पादकों को बड़ी राहत दी है। वाणिज्य मंत्रालय ने इसके लिए अध्यादेश जारी कर दिया है।
केंद्र सरकार ने प्याज और बासमती चावल किसानों को राहत देते हुए न्यूनतम निर्यात मूल्य हटा दिया है,जिससे किसान खुले तरीके से अपनी उपज का निर्यात कर सकेंगे। मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइज हटने से किसानों की उपज के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध होगा। NAFED और NCCF का प्याज बाजार में आने से किसानों को प्याज के दाम गिरने का डर था। इसलिए, प्याज उत्पादक किसानों, व्यापारियों, निर्यातकों ने प्याज निर्यात शुल्क में कटौती की मांग भी की।
केंद्र सरकार के फैसले से अब प्याज का निर्यात करना आसान हो गया है और निर्यात बढ़ेगा। इसलिए बाजार में नया प्याज आने से प्याज किसानों को अच्छी कीमत मिलने का अनुमान है। केंद्र सरकार ने बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य की सीमा भी हटा दी है।
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केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के किसानों की ओर से केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि प्याज पर निर्यात प्रतिबंध पहले ही हटा लिया गया था लेकिन निर्यात शुल्क लगाया गया था। ऐसे में किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एकनाथ शिंदे ने विश्वास जताया है कि न्यूनतम निर्यात शुल्क ($550 प्रति मीट्रिक टन) हटाने के फैसले से महाराष्ट्र के हजारों प्याज उत्पादकों को बड़ी राहत मिली है और इससे प्याज के निर्यात में और किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।