हिंदी भाषा के महत्व को समझने और प्रचारित करने के उद्देश्य से भारत में राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं। भारत एक हिंदी भाषी देश है, जहां अधिकतर नागरिक हिंदी में बात करते हैं। हालांकि अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव के कारण हिंदुस्तान में अभी भी हिंदी भाषा का उपयोग कम नहीं हुआ है।
हिंदी विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। भारत के अलावा विदेशों में भी हिंदी में बात करने वालों की संख्या अच्छी खासी हैं। हिंदी विश्व भर में बसे हिंदुस्तानियों को एक सूत्र में बांधता है, वह भले ही नागरिकता से नहीं लेकिन मन से हिंदुस्तानी होते हैं। भारत के पड़ोसी देश नेपाल में लोग बेधड़क हिंदी बोलते हैं। भारत से सटे इस देश में आपको हर जगह हिंदी भाषी लोग मिल जाएंगे। वैसे तो नेपाल की आधिकारिक भाषा नेपाली है लेकिन यहां आसानी से मैथिली, भोजपुरी और हिंदी बोलने वाले लोग मिल जाते हैं।
हिंदी भाषी देशों में एक खूबसूरत द्वीप फिजी भी शामिल है, जोकि दक्षिण प्रशांत महासागर के मेलानेशिया में स्थित है। फिजी द्वीप पर हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है। यहां उत्तर पूर्वी भारत के लोग बसे हैं जो बखूबी हिंदी बोलना जानते हैं। अगर आप फिजी ट्रिप पर जाने की सोच रहे हैं तो वहां धड़ल्ले से हिंदी भाषा में बात कर सकते हैं। भारत से सटे बांग्लादेश में हिंदी भाषा के जानकार लोग मिल जाएंगे। इसका एक कारण यह भी है कि सालों पहले बांग्लादेश भारत का ही अंग था। बाद में बांग्लादेश स्वतंत्र राष्ट्र बन गया। बांग्लादेश की आधिकारिक भाषा बांग्ला है लेकिन यहां हिंदी और अंग्रेजी बोलने वाले लोग भी काफी हैं।
1947 से पहले भारत और पाकिस्तान एक ही देश का हिस्सा थे। हालांकि विभाजन के बाद हिंदुस्तान से अलग होकर पाकिस्तान देश बना। इसलिए पाकिस्तान में कई ऐसे मुस्लिम परिवार रहते हैं जो विभाजन के बाद भारत छोड़कर सीमा पार चले गए। इन लोगों को हिंदी बोलना भी आता है। हालांकि पाकिस्तान की आधिकारिक भाषाएं अंग्रेजी और उर्दू है लेकिन यहां पंजाबी, हिंदी, पास्तो और बलूची भाषाएं भी बोली जाती हैं।
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