मराठा समुदाय के नेता मनोज जरांगे पाटिल पिछले कुछ दिनों से मराठा आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे हैं।आरक्षण के मुद्दे पर मनोज जरांगे पाटिल अक्सर धरना-प्रदर्शन और अनशन करते नजर आते हैं|उन्हें मराठा समुदाय का भी भरपूर समर्थन मिलता है| मराठा आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने एक बार फिर आमरण अनशन का हथियार उठाया है| मनोज जरांगे पाटिल आज आधी रात से एक बार फिर आमरण अनशन पर बैठने जा रहे हैं| मीडिया से बात करते हुए मनोज जरांगे पाटिल ने इस बात की जानकारी दी|
“हम आज से निलंबित भूख हड़ताल फिर से शुरू कर रहे हैं। हम आज आधी रात से एक बार फिर भूख हड़ताल पर बैठेंगे| हमने आपको 9 से 10 अनुरोध दिए हैं। इसे तुरंत लागू करें|इसमें कोई रुकावट नहीं पैदा की जानी चाहिए| जिन लोगों को सत्ता के साथ बहुत मजा आता है, उन्हें मैं आज साफ-साफ कह रहा हूं, बाद में हमारे नाम पर शिकायत मत करना। अब आपको मौका है|
मैं इसमें राजनीति नहीं करना चाहता| न तो मैं और न ही मेरा समुदाय राजनीति में शामिल होना चाहता है।’ आज से अपनी भूख हड़ताल शुरू कर रहे हैं| साथ ही इस आमरण अनशन के जरिए सरकार को एक और मौका दिया जा रहा है| बाद में हम अपने नाम पर चिल्लाना नहीं चाहते।
जितनी जल्दी हो सके एक जीआर प्राप्त करें जिसमें कहा गया हो कि मराठा, कुनबी एक हैं। हैदराबाद, सतारा, बॉम्बे गजट भी लागू करें। अगर आप नहीं चाहते कि हम राजनीति करें तो हमारी मांगें पूरी करें| आप आएं या न आएं| हम अपनी प्रक्रिया चला रहे हैं, इससे कोई आंदोलन नहीं हो रहा है, बांटना उनका काम है, मैं राजनीति में नहीं जाना चाहता, हमारी व्याख्या के अनुसार लागू करें, तीनों गजट लागू करें, शिंदे समिति को 24 घंटे काम करना चाहिए।
मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि आज से मैं राजनीतिक मुद्दों पर बात नहीं करूंगा। मैं विरोध करता हूं, मैं किसी का इंतजार नहीं करता, चुनाव से हमारा कोई लेना-देना नहीं है|आरक्षण लागू करो, बाद में बमबारी मत करो। अगर सरकार आरक्षण नहीं देती है तो इसके जिम्मेदार देवेंद्र फडनवीस होंगे| भाजपा में कुछ बंदर हैं, उन्हें बताएं कि मनोज जरांगे केवल आरक्षण की मांग के लिए बैठे हैं।”
धनगर भाइयों से अनुरोध है कि झगड़ा मोल न लें। छगन भुजबल कुल मिलाकर लड़ाई नहीं लड़ते| छगन भुजबल अलगाव कर दंगा कराने जा रहे हैं| जालान्या के एसपी और गृह मंत्री से कहते हैं, हमारे किसी भी आदमी को खरोंच नहीं लगनी चाहिए। आपको यहां दंगा नहीं करना चाहिए, आपसे हमारी नाराजगी नहीं हैं।’
अगर मराठा आपके एसटी आरक्षण का विरोध करते हैं तो विरोध करें, आपके आरक्षण पर कोई आंच नहीं आती| अगर मैं एक भी धनगर और ओबीसी नेता को दोषी ठहराऊं तो केवल भुजबल ही दंगा कराना चाहते हैं। जरांगे पाटिल ने यह भी आरोप लगाया कि भुजबल ऐसा देवेंद्र फडनवीस की बात सुनकर करते हैं।
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