27 C
Mumbai
Monday, November 25, 2024
होमदेश दुनियाअसम: आदिवासियों की ज़मीन अवैध अतिक्रमण से मुक्त करने के बाद लोगों...

असम: आदिवासियों की ज़मीन अवैध अतिक्रमण से मुक्त करने के बाद लोगों ने मनाया उत्सव!

हिमंत बिस्व सरमा की सरकार ने बिना कोई रोक टोक पुलिस और प्रशासन को नोटिस भेजने और अतिक्रमण हटवाने के आदेश दिए थे।

Google News Follow

Related

असम के गुवाहाटी से करीब आदिवासी जिला मेट्रो के सोनपुर कासूटोली गांव के आदिवासी जमीन और ब्लॉक् में सरकारी जमीन पर निचले आसाम के बंगाली भाषी मुस्लिमों ने अवैध अतिक्रमण किया था। जिसके विरोध में स्थानिक लोगों ने प्रदर्शन किए थे। वहीं आसाम में हिमंत बिस्व सरमा की सरकार ने बिना कोई रोक टोक पुलिस और प्रशासन को नोटिस भेजने और अतिक्रमण हटवाने के आदेश दिए थे। अतिक्रमण के हटने के बाद स्थानिक आदिवासियों ने उत्सव मनाया है, साथ ही असम के मुख्यमंत्री हिमंत सरमा को धन्यवाद भी दिए है।

इस अवैध अतिक्रमण से इलाके की डेमोग्राफी बदलने और गुनहगारी में इजाफा होने की बात की जा रही थी। साथ ही इसे हटाने के मुद्दों लेकर आसाम की विधानसभा में भी गर्मागर्मी देखी गई थी। अवैध अतिक्रमण हटाने गयी पुलिस और सरकारी अफसरों पर 1500 के करीब मुस्लिम भीड़ ने हथियारों के साथ हमला किया, जिसमें कई पुलिस कर्मी घायल हुए, तो एक राजस्व अधिकारी को पत्थरबाजी के कारण चोटें भी आयी। इस भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने फायर खोला जिसमें 2 मुसलमानों की मौत हुई।

घटना के बाद कांग्रेस ने अपने नेताओं का डेलिगेशन भेज कर अतिक्रमणकारियों के साथ सांत्वना व्यक्त करने की कोशिश की, लेकिन स्थानिक आदिवासियों ने कांग्रेस के 13 सदस्यीय डेलिगेशन का रास्ता रोक कर उन्हें पिछे भगाया। स्थानिकों का आरोप है की, कांग्रेस ने अपनी वोटबैंक को मजबूत करने और इलाके की डेमोग्राफी को बदलने के लिए बांग्लाभाषी मुसलमानों को कासूटोली में बसाया था।

यह भी पढ़ें:

‘एक देश, एक चुनाव’ पर कैबिनेट की मंजूरी!

यूपी: मरीजों से 1 रुपये ज्यादा फीस लेने वाले सरकारी कर्मचारी को नौकरी से निकाला!

सीएम पद की कुर्सी गई आतिशी मार्लेना के पास!

इतनी तनाव पूर्ण स्थिती, गरमाई सियासत, स्थानिकों का दबाव में भी प्रशासन और पुलिस ने काम रोके बिना अतिक्रण को हटाया। लेकिन सरकारी जमीन से हटाए जाने के बाद, जिनके अवैध निर्माण को ध्वस्त किया है, उनके बसने की चिंता पर लोगों ने सवाल उठाना शुरू किया है। आलोचकों ने कहा है, कहीं ये अवैध अतिक्रमण वो किसी और शहर, और किसी और राज्य में भी कर सकते है ऐसे में असम सरकार ने समस्या का समाधान करने के बजाय उसे शिफ्ट किया है।

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,293फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
196,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें