एक तरफ संसद में वक्फ बोर्ड की शक्तियों को कम करने और वक्फ की जमीन हड़पने की नितीयों को निरस्त करने को लेकर सियासी उठापठक जारी है तो दूसरी तरफ राजधानी दिल्ली में स्थित 6 मंदिरों पर वक्फ बोर्ड की नजर पड़ी है। वक्फ बोर्ड ने इन मंदिरों की जमीनों को हड़पने की तैयारी शुरू की है। अल्पसंख्यांक आयोग की एक सुपर एक्सप्लोसिव रिपोर्ट जारी की गई है जिसमें दावा किया गया है की राजधानी दिल्ली में कई जगहों वक्फ जमीन पर मंदिर बनाए गए है। बता दें जिन मंदिरों पर वक्फ ने दावा किया है उनमें से कुछ तो वक्फ बोर्ड के गठन से दशक पूर्व बनाए गए है।
2019 की इस रिपोर्ट को दिल्ली अल्पसंख्यांक आयोग ने ‘फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट’ कहा था, इसे ‘द लीगल स्टेटस ऑफ़ रिलिजियस स्पेशस एंड अराउंड वेस्ट दिल्ली’ नाम दिया गया। इस रिपोर्ट के पेज १५९ के अनुसार, दिल्ली के बीके दत्त कॉलनी में स्थित संतान धर्म मंदिर वक्फ बोर्ड की जमीन पर बना होने का दावा किया गया है। बता दें, इस मंदिर का निर्माण 14 दिसंबर 1961 में हुआ और इसका शिलान्यास खुद भारत के केंद्रीय मंत्री द्वारा किया गया था।
इस तरह दिल्ली के मंगलापुरी के प्राचीन शिव मंदिर और स्मशानघाट भी वक्फ बोर्ड की जमीन पर बना होने का दावा किया है। साथ ही मंगलापुरी की शिव-शक्ती काली मंदिर पर हिंदू समाज नहीं बल्की वक्फ का दावा होने की बात की गई है। इसी प्रकार दिल्ली के अल्पसंख्यांक आयोग द्वारा ‘फॅक्ट फाइडिंग रिपोर्ट’ के नाम से स्वीकृत कई मंदिरों की जमीनों पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया गया है।
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आपको बता दें, यह मंदिर और इनके परिसरों के अनुसार जमीनों की कीमत करोड़ों में है, साथ ही इन जमीनों पर वक्फ बोर्ड के निर्माण से दशकों पूर्व मंदिर बनाए गए है। कांग्रेस शासन काल में लगातार वक्फ बोर्ड के अधिकारों को सीमित किया गया, जिसके परिणाम में आज भारत की 9 लाख एकड़ भूमि पर वक्फ बोर्ड कब्जा कर बैठा है। दूसरी तरफ वक्फ बोर्ड के अधिकारों को निरस्त कर न्याय करने पर मुस्लिम नेता दंगे भड़काने की धमकियां देते भी नजर आरहें है।