आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार विशाखापत्तनम शहर में सरकारी जमीन बेचने का फैसला लिया है। जगन सरकार का कहना है कि इससे उसे 1,500 करोड़ रुपये की रकम जुटाने में मदद मिलेगी। राज्य की प्रस्तावित राजधानियों में से एक विशाखापत्तनम में 14.7 एकड़ जमीन सरकार ई-नीलामी के जरिए बेचने जा रही है। यह भूमि 18 जगहों पर है, जिन्हें बेचने के लिए पिछले दिनों राज्य सरकार ने नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन के जरिए नोटिफिकेशन जारी किया था। इन जमीनों को खरीदने के लिए बोली जमा करने की तारीख 22 अप्रैल तय की गई है।
इन जमीनों में से सबसे बड़ा हिस्सा रामकृष्ण पुरम बीच रोड पर स्थित हार्बर पार्क में है। यहां 13.59 एकड़ सरकारी भूमि है, जो प्राइम लोकेशन पर है और सरकार को इसके जरिए अच्छी खासी रकम मिलने की उम्मीद है। तेलुगु देशम पार्टी की सरकार के दौरान इस भूमि को यूएई की एक इन्फ्रास्ट्राक्चर कंपनी को लीज पर दिया गया था ताकि इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर का निर्माण किया जा सके। इसके अलावा यहां फाइव स्टार होटल और बहुमंजिला मॉल बनाने की भी तैयारी थी। इस प्रोजेक्ट की नींव 2018 में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और तत्कालीन केंद्रीय मंत्रियों सुरेश प्रभु, पी. अशोक गजपति राजू की मौजूदगी में रखी गई थी।
हालांकि जगन मोहन रेड्डी सरकार ने सत्ता में आने के बाद अक्टूबर 2019 में इस कॉन्ट्रैक्ट को कैंसल कर दिया था। यूएई के लुलू ग्रुप का कहना था कि वह इस प्रोजेक्ट में 2,200 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इसके अलावा यहां 7,000 युवाओं को रोजगार मिलने का भी दावा किया गया था। इसी साल 8 फरवरी को हुई कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने इस जमीन पर नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन और आंध्र प्रदेश इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर की ओर से दिए गए प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इस प्रस्ताव के तहत यहां कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स तैयार होने थे।