विधानसभा चुनाव में जलगांव जिले में बड़े राजनीतिक समीकरण बदलने की संभावना है| जिले में भाजपा नेता गिरीश महाजन के विधानसभा क्षेत्र जामनेर में शरद पवार ने बड़ा कदम उठाया है|उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी पर गाज गिरा दी है| इससे मौजूदा विधायक और मंत्री गिरीश महाजन का सिरदर्द बढ़ गया है, लेकिन चर्चा है कि गिरीश महाजन ने शरद पवार की इस योजना को विफल करने के लिए नई रणनीति भी बनाई है|
चर्चा है कि गिरीश महाजन जामनेर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ेंगे| इस बात का संकेत खुद गिरीश महाजन ने दिया है| हालांकि, गिरीश महाजन ने अपना दृढ़ विश्वास व्यक्त किया है कि उम्मीदवार कोई भी हो, जामनेर में भाजपा का उम्मीदवार भारी मतों से जीतेगा। इसलिए शरद पवार के खिलाफ गिरीश महाजन की इस नई रणनीति या महाजन की वापसी जैसे कई सवाल खड़े हो गए हैं| वहीं दूसरी ओर कहा जा रहा है कि गिरीश महाजन को केंद्र में उम्मीदवार बनाया जाएगा| तो क्या गिरीश महाजन जामनेर विधानसभा क्षेत्र से किसी नये चेहरे को मौका देने जा रहे हैं? इसके अलावा ये नया चेहरा कौन है? इसको लेकर भी उत्सुकता बढ़ गई है|
भाजपा के संकटमोचक गिरीश महाजन ने खुद जामनेर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ने के संकेत दिए हैं| इसलिए जलगांव जिले में राजनीतिक समीकरण बदलने की संभावना है|जामनेर विधानसभा क्षेत्र में शरद पवार ने गिरीश महाजन के करीबी और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी दिलीप खोडपे पर गाज गिरा दी है| इसलिए शरद पवार ने गिरीश महाजन के खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार ढूंढ लिया है| इसलिए महाजन के सामने बड़ी चुनौती है| हालांकि, गिरीश महाजन ने एक नई रणनीति भी बनाई है| उसी के तहत महाजन ने संकेत दिया है कि वह जामनेर से चुनाव नहीं लड़ेंगे| इसकी अलग-अलग व्याख्याएं हैं|
दिलीप खोडपे पिछले 30 साल से गिरीश महाजन के करीबी माने जाते थे| मराठा समाज में इनका बहुत दबदबा है| उसके जरिए शरद पवार ने गिरीश महाजन के किले को ढहाने की रणनीति बनाई है| शिवस्वराज्य यात्रा के माध्यम से जामनेर में एक सार्वजनिक बैठक करते हुए जयंत पाटिल,गिरीश महाजन के किले में कट्टर राजनीतिक दुश्मन अमोल कोल्हे और एकनाथ खडसे ने गिरीश महाजन पर हमला बोल दिया है| इसलिए गिरीश महाजन के सामने बड़ी समस्या पैदा हो गई है|
जामनेर विधानसभा क्षेत्र में मराठा और कुनबी समुदाय के वोट निर्णायक हैं| तो गिरीश महाजन के सामने होगी दिलीप खोडपे की बड़ी चुनौती| 2019 के विधानसभा चुनाव में गिरीश महाजन को मिले 40 से 50 फीसदी वोट मराठा कुनबी समुदाय से थे| हालांकि, दिलीप खोडपे के जरिए मराठा कुनबी समुदाय के 75 फीसदी वोटों को अपनी ओर खींचने की कोशिश सफल हो सकती है|
अगर मराठा समुदाय ने मनोज जरांगे की अपील का समर्थन किया तो ऐसी चर्चा है कि गिरीश महाजन के लिए यह चुनाव मुश्किल हो सकता है| इसीलिए गिरीश महाजन ने जातीय समीकरण के आधार पर बंजारा समुदाय से नया चेहरा देकर विपक्ष को नाकाम करने की नई रणनीति भी बनाई है|
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