मराठा समुदाय के लिए आमरण अनशन पर बैठे मनोज जरांगे ने अपनी आमरण हड़ताल खत्म कर दी है|मनोज जरांगे पिछले नौ दिनों से आमरण अनशन पर थे|आज उन्होंने घोषणा की है कि उन्होंने अपनी भूख हड़ताल स्थगित कर दी है| मराठा और ओबीसी एक ही हैं।हमारी आरक्षण की लड़ाई जारी है|ध्यान दें कि आपको किसी भी नेता से डरना नहीं है| हमारे लोगों के साथ बेईमानी मत करो|मनोज जरांगे ने यह भी कहा है कि वह किसी नेता की सभा या प्रचार में नहीं जाना चाहते|
परेशान करने वालों को खत्म करेंगे मराठा: खुशहाल घर पर सोएंगे, मुख्यमंत्री ‘लाडली बहना’ योजना का भुगतान नहीं करने पर भी कोई अभियान में नहीं जाएगा। यदि राजनीतिक नेताओं द्वारा दबाव डाला जाए तो एक-दूसरे का समर्थन करें। उससे भी ज्यादा तकलीफ दोगे तो मंच पर भीड़ है और वोट देने वाला कोई नहीं|मनोज जरांगे ने यह भी कहा कि ऐसा विधानसभा में भी किया जाना चाहिए| जैसे ही मनोज जरांगे ने अनशन स्थगित करते वक्त कहा कि एक मराठा लाख मराठा नारा दिया|
इस मौके पर मराठा आरक्षण के जोरदार नारे लगाए गए|मराठा समाज ने मुझसे बहुत आग्रह किया| उन्होंने कहा कि वह उपवास नहीं करना चाहते|मराठा उन लोगों को खत्म करने जा रहे हैं जिन्होंने मराठों को परेशान किया है।’ मनोज जरांगे ने ऐलान किया कि मैं अपना अनशन खत्म कर दिया हूँ|
मुझे आराम की जरूरत है, जब आप आओगे तो मुझे खड़ा होना होगा, बैठना होगा| मैंने पिछले साल में ऐसा कभी नहीं कहा, लेकिन आज मैं सभी लोगों से मिलता हूं| मनोज जरांगे ने कहा है कि इसके बाद वह अनशन छोड़ देंगे| नांदेड़, हिंगोली, परभणी से लोग आए हैं|आज जो लोग आये हैं उन्हें भोजन करने दीजिये। मैं अपना व्रत खोलता हूं। मैं आज महाराष्ट्र के मंत्रियों से कह रहा हूं, अब बाद में मत आना|
मैं उन लोगों की प्रतीक्षा करता हूं जो सड़क पर हैं। मां मौली और मेरे भाइयों ने मुझसे अनुरोध किया| सलाइन वाले व्रत का कोई मतलब नहीं है| इसलिए मैंने अनशन स्थगित करने का फैसला किया है|मनोज जरांगे ने यह भी कहा कि मैं आज आपसे कह रहा हूं कि जो लोग श्रृंखलाबद्ध भूख हड़ताल पर बैठे हैं, उन्हें भी अपनी भूख हड़ताल बंद कर देनी चाहिए|
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