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Sunday, November 24, 2024
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मणिपूर में हिंसा सत्र नहीं थम रहा, जिरीबाम में बम विस्फोट!

पिछले साल मणिपुर में भड़की हिंसा में 200 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। साथ ही, हाल ही में एक बैठक में कुकी विधायकों ने मणिपुर के आदिवासी लोगों के लिए एक अलग प्रशासन या केंद्र शासित प्रदेश की अपनी मांग दोहराई।

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मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। शनिवार (19 अक्टूबर) को जानकारी मिली है कि आतंकवादियों ने जिरीबाम जिले के एक गांव पर हमला किया है। इसके बाद यहां हिंसा भड़क उठी। आतंकवादियों द्वारा गांव पर बमबारी करने के बाद सुरक्षा बलों और आतंकवादियों दोनों की ओर से गोलीबारी हुई।

अधिकारी के मुताबिक, कुछ आतंकवादियों ने सुबह 5 बजे आधुनिक हथियारों से बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एक गांव को निशाना बनाया गया। इस समय बम विस्फोट भी किये गये। इसके तुरंत बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और पुलिस के जवानों ने आतंकियों को जवाब दिया।अधिकारियों ने यह भी बताया कि, घटना की जानकारी मिलते ही अतिरिक्त सुरक्षा बलों को मौके पर भेजा गया। इस बीच, अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। हिंसा भड़कने पर सुरक्षा बलों ने तुरंत बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

बोरोबेकरा जिरीबाम शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी और घने जंगलों वाला गाँव है। पिछले साल मई में राज्य में सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद इलाके में ऐसे कई हमले हुए हैं।

मणिपुर पिछले एक साल से अधिक समय से हिंसा की आग से जूझ रहा है। इस पृष्ठभूमि में, राज्य में चल रहे संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए संघर्ष कर रहे मैताई, कुकी और नागा समुदायों के विधायकों के बीच चर्चा के लिए नई दिल्ली में एक बैठक बुलाई गई थी। इसमें कुल 17 विधायक शामिल हुए। इनमें से 9 मैताई समुदाय से, 5 कुकी समुदाय से और 3 नागा समुदाय से थे। इस बैठक के कुछ दिन बाद ही यह हिंसा देखने को मिली।

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पिछले साल मणिपुर में भड़की हिंसा में 200 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। साथ ही, हाल ही में एक बैठक में कुकी विधायकों ने मणिपुर के आदिवासी लोगों के लिए एक अलग प्रशासन या केंद्र शासित प्रदेश की अपनी मांग दोहराई।

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