उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा अपनी कमर कसती दिखाई दे रही है|बीते लोक सभा चुनाव की गलतियों से सबक लेकर फूं-फूं कर कदम आगे बढ़ा रही है| वही दूसरी ओर विधानसभा की उपचुनाव को लेकर सरकार के मंत्री डॉ. संजय निषाद और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की ओर लखनऊ में संयुक्त रूप से पत्रकार परिषद का आयोजन किया गया|इस दौरान मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि हमें एनडीए में सीट नहीं बल्कि जीत चाहिए। निषाद समाज को हक चाहिए। बसपा-सपा ने आरक्षण के मुद्दे को लटकाए रखा। हम देश और समाज के हित में सीटों की दावेदारी नहीं करते हैं।
बता दें कि राजनीति में धारणाओं का बड़ा महत्व है। इससे अक्सर परिणाम प्रभावित भी होते हैं। हाल में ही बीते लोकसभा चुनाव इसका ताजा उदाहरण है। अब भाजपा उप चुनाव के प्रत्याशियों के जरिये उन धारणाओं को तोड़ने की कोशिश करती दिख रही है। नतीजा क्या होगा यह तो भविष्य में पता चलेगा, लेकिन अनुजेश को उतारकर भाजपा ने यह तो संदेश दे ही दिया है कि अखिलेश की पकड़ अब अपने घर में भी मजबूत नहीं है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि इंडिया गठबंधन की फटाफट और सफाचट की नीति जनता समझ चुकी है। सपा सरकार में निषाद समाज के लोगों का उत्पीड़न होता था और महिलाओं का बलात्कार होता था।इस मौके पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि संजय निषाद जी अपनी मेहनत के बल पर यहां तक पहुंचे हैं। हम मिलकर लड़ेंगे और विपक्ष को पराजित करेंगे।
बीते लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे से सबक ले चुकी भाजपा ने विधानसभा उपचुनाव में पुराने कार्यकर्ताओं को तरजीह देकर बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। प्रत्याशियों के जरिये भाजपा ने अखिलेश यादव के पीडीए के दांव का भी जवाब देने का प्रयास किया है। भाजपा की इस बार की सूची से स्पष्ट है कि कार्यकर्ताओं की पूछ, पुराने वफादारों को जगह और जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा गया है।
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