अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी पर अमेरिका में कथित तौर पर अरबों डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है। गौतम अडानी और उनके सहयोगियों पर 265 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी का आरोप लगा है, जिसके बाद अडानी समूह ने अपने करोड़ों अमेरिकी डॉलर्स के बॉण्ड्स पर रोक लगाने, केन्या के एयरपोर्ट से हाथ धोने के साथ ही शेयर मार्किट में भी बड़ा झटका सहा है। दरम्यान आरोपों में घिरे अडानी समूह के तरफ से कई विशेषज्ञों के बयान भी आरहें है।
दरम्यान सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने अडानी पर हो रही करवाई को सत्ता से गिरती हुई अमेरिकी डीप स्टेट की भारत में अपने प्यादों के पक्ष में अंतिम कारवाई कहा है। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “यह गिरते हुए अमेरिकी शासन का भारत में अपने प्यादों के पक्ष में अंतिम कार्य है। राहुल गांधी भारत के हितों की अनदेखी करते हुए विदेशी आख्यानों का आँख बंद करके समर्थन करने वाले एक हताश नेता हैं। अदानी के ख़िलाफ़ अभियोग में साक्ष्य और विवरण बहुत कम हैं। यह कोई न्यायिक आदेश नहीं है, बल्कि एक घृणित कार्य है – रिश्वत का आरोप है, लेकिन अधिकारियों या इसमें शामिल मात्रा पर कोई स्पष्टता नहीं है। इसमें औद्योगिक दिग्गजों के माध्यम से भारत के विकास पर एक रणनीतिक हमले की बू आ रही है।” वरिष्ठ अधिवक्ता ने अडानी समूह पर इस हमले को भारत की रणनीतिक परियोजनाओं को लक्षित करने वाला डिज़ाइन कहा है।
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बता दें की, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के बाद बाइडेन सरकार जाने वाली है। डोनाल्ड ट्रम्प जनवरी में राष्ट्राध्यक्ष पद की शपथ लेंगे, जिसके डीप स्टेट को ख़त्म करने की कसम खाकर सत्ता में आए डोनाल्ड ट्रम्प बड़ी कारवाइयों को अंजाम दे सकते है। ऐसे में कई विशेषज्ञों ने अडानी समूह पर इसे सुनियोजित हमला माना है।