महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली है| वह 130 सीटों के साथ राज्य में सबसे बड़ी जीत हासिल की है| इसके साथ ही एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी ‘एनडीए’ के घटक दलों ने जनता का विश्वास जीता है और राज्य की महाविकास आघाडी के सहयोगी दलों को हाशिये पर लाकर खड़ा दिया है|
दूसरी ओर, मुंबई से मात्र थोड़ी दूर पर स्थित पालघर जिले में कई दशकों से एक छात्र शासन करने वाले बहुजन विकास आघाडी के संस्थापक व वसई के विधायक को भी करारी हार के साथ अपनी सत्ता गवांनी पड़ी है| पालघर जिले में विधान सभा की सबसे हॉट सीट माने जाने वाली वसई, नालासोपारा, बोईसर पर भी काफी रोचक मुकाबला देखने को मिला|
दशकों से वसई की सत्ता का काबिज हितेंद्र ठाकुर का पूर्व विधायक विवेक पंडित की बेटी स्नेहा दुबे पंडित और कांग्रेस के विजय पाटिल से त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला| 23 नवंबर को सुबह 7 बजे मतगणना के शुरुआती रुझान से भाजपा की स्नेहा दुबे पंडित ने जो बढ़त बनायीं हुई थी उसे 26 चरणों के गिनती तक बरक़रार रखा| और अन्तोगत्वा 3153 मतों से यह जीत दर्ज की है|
बता दें कि वसई 133 विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की स्नेहा दुबे पंडित को कुल मत 77553 मिले जबकि बविआ के हितेंद्र ठाकुर को 74400 ही मत मिले| इसी प्रकार नालासोपारा 132 विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के राजन नाईक और बविआ से हितेंद्र ठाकुर के बेटे क्षितिज ठाकुर का सीधा टक्कर देखने को मिला, जिसमें राजन नाईक को 165113 हजार रिकॉर्ड मत मिले, जबकि क्षितिज ठाकुर 128036 ही मत मिले| नालासोपारा विधान सभा के मतदाताओं ने ठाकुर के दमनकारी नीति को सिरे से ख़ारिज करते हुए भाजपा के राजन नाईक को 37077 के मतों से बड़ी जीत दिलाई है|
बोईसर 132 विधानसभा क्षेत्र से भी बविआ का पत्ता साफ हो गया है| इस सीट पर एकनाथ शिंदे शिवसेना गुट से विलास तरे के सामने बविआ के राजेश रघुनाथ पाटिल और उद्धव ठाकरे (यूबीटी) से विश्वास वलवी त्रिकोणीय मुकाबला था| इस मुकाबले में एकनाथ शिंदे शिवसेना गुट के विलास तरे से 44455 मतों से जीत दर्ज की है| विलास तरे कुल मत 126117 और बविआ पाटिल को मात्र 81662 यूबीटी के वलवी को 50571 मत के साथ करारी हार का सामना करना पड़ा|
पालघर जिले की वसई, नालासोपारा और बोईसर विधान सभा सीटों पर करारी हार के बाद बविआ के सत्ता का सूर्य अब अस्त होता दिखाई दे रहा है|बता दें कि एक समय बविआ के पास सांसद और तीन-तीन विधायक होते थे|बाहुबली विधायक की ख्याति प्राप्त हिंतेद्र ठाकुर की बविआ के हार ने यह साबित कर दिया कि जनता क्षेत्र का विकास चाहती है|
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