राष्ट्रपति ने देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को याद करते हुए कहा कि ‘संविधान सभा के दूरदर्शी सदस्यों ने एक प्रेरणादायक संविधान दिया, जो अन्य देशों के लिए भी आदर्श है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने आज ही के दिन कहा था कि संविधान को जीवंत बनाए रखना उन लोगों पर निर्भर करता है, जो उसका संचालन करते हैं। जो संविधान में नहीं लिखा जाता उनका संचालन परंपराएं करती हैं। ‘मैं सभी देशवासियों से अनुरोध करती हूं कि वे संवैधानिक मूल्यों को अपने आचरण में डालें।
बता दें कि 75 वर्ष संविधान के लागू हुए पूरे होने पर आज देश में इसे “संविधान दिवस” के रूप में मनाया जा रहा है| इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया गया। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने संविधान दिवस के अवसर पर विशेष स्मारक सिक्का और एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया। संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी, उपराष्ट्रपति ने संस्कृत भाषा में संविधान की प्रति का विमोचन भी किया।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने संविधान दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि ‘संविधान दिवस के पावन अवसर पर आप सभी के बीच आकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। आज हम सब एक ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे हैं। 75 साल पहले संसद के इसी कक्ष में देश के संविधान के निर्माण का बहुत बड़ा काम संपन्न किया और उसी दिन इस संविधान को अपनाया गया। आज कृतज्ञ राष्ट्र की तरफ से संविधान सभा के सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। बाबा आंबेडकर ने संविधान सभा का नेतृत्व किया।’
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि ‘भारत लोकतंत्र की जननी है। इसी भावना के साथ हम इस विशेष अवसर पर इकट्ठा हुए हैं। आगामी 26 जनवरी को हम अपने गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ बनाएंगे। ऐसे समारोह हमारी राष्ट्रीय एकता को दर्शाते हैं। हमारी संविधान सभा में देश की विभिन्नता में एकता प्रदर्शित हुई थी। आज जिन पुस्तकों का विमोचन किया गया, उनमें लोगों को हमारे संविधान निर्माण के गौरवशाली इतिहास के बारे में पता चलेगा। हमारा संविधान कई वर्षों की मेहनत से बना, लेकिन ये हमारी आजादी की लड़ाई का परिणाम था। ‘
राष्ट्रपति ने कहा कि ‘न्यायपालिका, विचाराधीन कैदियों के कल्याण के लिए भी प्रयासरत है। कम संसाधन युक्त लोगों को न्याय मुहैया कराने की सुविधा बढ़ रही है। इससे हमारे संवैधानिक अधिकारों को शक्ति मिलती है। हमने संविधान के माध्यम से सामाजिक न्याय के अनेक लक्ष्यों को हासिल किया है।
हमारे संविधान निर्माताओं ने अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को मजबूत बनाने का संदेश दिया है। देश आर्थिक रूप से मजबूत होने के साथ ही विश्वबंधु के विचारों को बढ़ावा दे रहा है।’ समाज में समरसता का निर्माण, महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करना और पर्यावरण आदि क्षेत्रों में काम हो रहा है। हमारा संविधान एक जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज है।
यह भी पढ़ें-
Pakistan: इस्लामाबाद बना रेड जोन, प्रदर्शनकारियों को देखते ही मारने के आदेश !