मणिपुर के जिरीबाम जिले में एक ही परिवार के 6 सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी गई|इस हत्याकांड की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अब सामने आ गई है| इस रिपोर्ट से बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं| 11 नवंबर को कुकी विद्रोहियों की सुरक्षा बलों से झड़प हो गई| उन्होंने मणिपुर के जिरीबाम जिले के बोरोबेकरा इलाके से तीन महिलाओं और तीन बच्चों का अपहरण कर लिया। उनके शव बाद में जिरीबाम जिले की जिरी नदी और असम की बराक नदी में पाए गए।
इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है| इन शवों का पोस्टमार्टम असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में किया गया। महज 10 महीने के बच्चे लैशराम लग्न गानबा को दाहिने घुटने में गोली लगी। उसकी दोनों आंखें निकाल ली गईं| इसके अलावा भी उनके शरीर पर कई चोटें थीं|
टूटी हुई खोपड़ी की हड्डियां: इन सभी शवों को 17 नवंबर को सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल लाया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी मौत का समय 3 से 5 दिन पहले का था|17 नवंबर को जब शव को शवगृह में लाया गया तो वह सड़ने की स्थिति में था। इसके अलावा आठ साल की थजंगनबी नाम की लड़की के शरीर पर कई गोलियों के घाव थे|लमंगनबा की 31 वर्षीय चाची तेलेम थोइबी को सीने में तीन बार और पेट में एक बार गोली मारी गई। उसके सिर पर वार किया गया| खोपड़ी की हड्डियां टूट गयीं।
शरीर के कई अंग क्षत-विक्षत: परिवार के तीन अन्य सदस्यों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी उतनी ही वीभत्स थी। तीन वर्षीय चिंगखेंगनबा सिंह, एल हेतोनबी देवी (25) और वाई रानी देवी (60) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। चिंगखेनगानबा की दाहिनी आंख गायब थी। उनके सिर में गोली मारी गयी थी| दाहिना हाथ और शरीर के कई हिस्से काट दिए गए। सीने में फ्रैक्चर था|
ये सभी शव नदी में तैरते दिखे: एल हेटोनबी देवी को सीने में तीन गोलियां मारी गईं। बच्चों की दादी वाई रानी देवी को पांच गोलियां मारी गयीं| एक गोली सिर में, दो सीने में, एक पेट में और एक हाथ में लगी| मैतेई समुदाय के ये 6 लोग 11 नवंबर को सुरक्षाबलों और कुकी समुदाय के बीच गोलीबारी के बाद जिरीबाम शिविर से लापता हो गए थे। इसके बाद ये सभी शव नदी में तैरते दिखे |
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