मुंबई। भाजपा व महाराष्ट्र विकास आघाडी सरकार कोरोना के एंटी वायरल ड्रग रेमडेसिविर की सप्लाई को लेकर आमने-सामने आ गए। यहां भाजपा नेताओं ने रेमडेसिवर का स्टॉक छुपाने के आरोपी एक फार्मा कंपनी के कार्मचारी से पूछताछ का विरोध किया। मुंबई पुलिस ने रेमडेसिविर दवा का भंडार छापने को लेकर फार्मा कंपनी के निदेशक से पूछताछ की थी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ”उन्होंने कम से कम 60,000 शीशियां जमा कर रखी थीं। कोरोना वायरस के रोगियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली इस दवा की कमी की वजह से राज्य और केंद्र सरकार ने उन्हें इस माल को घरेलू बाजार में ही बेचने की इजाजत दी है। इसके बावजूद यह स्टॉक एक्सपोर्ट के लिए जमा करने का आरोप है। वहीं भाजपा ने मुंबई पुलिस द्वारा फार्मा कंपनी के निदेशक से पूछताछ किए जाने पर आपत्ति जताई है। भाजपा का कहना है कि राज्य की शिवसेना नीत सरकार महामारी के बीच राजनीति कर रही है।
सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा मुंबई पुलिस पर दबाव डाल रही है क्योंकि यह पार्टी आम आदमी की तुलना में उद्योगपतियों की चिंता ज्यादा करती है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ”हमने चार दिन पहले ब्रुक फार्मा से रेमडेसिविर की आपूर्ति करने का अनुरोध किया था लेकिन तब तक अनुमति नहीं मिल पाने की वजह से वे ऐसा नहीं कर सके। मैंने केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया से बात की थी और हमें एफडीए (खाद्य और औषधि प्रशासन) से मंजूरी मिल गई थी। फडणवीस ने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार के एक मंत्री के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) ने फार्मा कंपनी के अधिकारी को बुलाया था और उनसे पूछा कि वह विपक्षी दलों की अपील पर रेमडेसिविर की आपूर्ति कैसे कर सकते हैं। फडणवीस ने आरोप लगाया कि पुलिस कर्मियों ने फार्मा कंपनी के निदेशक को शनिवार रात उनके घर से पकड़ा था। ये कार्रवाई को कल्पना से परे बताया। फडणवीस ने बताया कि महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं ने हाल ही में दमन जाकर ब्रुक फार्मा के अधिकारियों से मुलाकात की थी। साथ ही उनसे निर्यात के लिए रखा गया माल महाराष्ट्र में बेचने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, ”कंपनी की ओर से उन्हें बताया गया कि यदि केंद्र और राज्य सरकार मंजूरी देंगे तो वे पूरा माल महाराष्ट्र को बेच देंगे।