महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किये गये थे| इसमें महायुति को बड़ी सफलता मिली|ग्रैंड अलायंस को 235 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत मिला। माविआ केवल 49 सीटों पर ही सिमट कर रह गई|इस पृष्ठभूमि में यह तय हो गया है कि मुख्यमंत्री महायुति का ही होगा, लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा? गणित हल नहीं हुआ|मुंबई-दिल्ली बैठकों के दौर चल रहे हैं, लेकिन तस्वीर ये है कि अभी तक नाम तय नहीं हुआ है|
इस तमाम असमंजस के बीच कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने गृह नगर दारेगांव गए तो बहस छिड़ गई| इसके अलावा उनकी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक संजय शिरसाट ने भी इसमें इजाफा किया है| संजय शिरसाट ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उसी बयान पर सफाई दी है|
मुख्यमंत्री पद को लेकर शिंदे की स्पष्ट स्थिति: संजय शिरसाट ने खुलासा किया कि मुख्यमंत्री पद को लेकर एकनाथ शिंदे की स्थिति स्पष्ट है| “जब एकनाथ शिंदे को लगता है कि उन्हें कोई बड़ा निर्णय लेना है, तो वह दारेगांव जाते हैं। उनकी पार्टी के नेता उदय सामंत ने सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने दावा किया कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री परेशान नहीं हैं। वो बुखार और सर्दी से पीड़ित होने के कारण अपने पैतृक गांव चले गए। शिवसेना के एक दूसरे नेता संजय शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे अगले 24 घंटों में कोई बड़ा फैसला लेंगे।
मेरी पार्टी भाजपा के वरिष्ठ नेता जो निर्णय लेंगे, उस पर कायम रहेगी। दिल्ली में हुई बैठक में भी उन्होंने कहा कि हमें निर्णय लेना चाहिए, हम उसे स्वीकार करेंगे|” संजय शिरसाट ने कहा|इसलिए उन्होंने उन चर्चाओं को खारिज कर दिया कि एकनाथ शिंदे नाखुश हैं या उनकी नाराजगी के पीछे मुख्यमंत्री पद है|
”अब भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को सही मायने में फैसला लेना है| कुल मिलाकर राजनीतिक समीकरणों को देखें तो मुख्यमंत्री किसे बनाया जाए यह मुद्दा मोदी और शाह के बीच है। हमें नहीं पता कि उस निर्णय में समय क्यों लग रहा है| जब तक मुख्यमंत्री की नियुक्ति नहीं हो जाती, मुझे अन्य विभागों के संबंध में किसी चर्चा की जानकारी नहीं है।”
‘राज्य हवा में नहीं है, कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं’: इस बीच, संजय शिरसाट ने विपक्ष के इस सवाल का जवाब दिया है कि जब तक सीएम पद का फैसला नहीं हो जाता, तब तक राज्य को किसी के भरोसे छोड़ दिया गया है|“कुछ लोग सोच रहे हैं कि महाराष्ट्र का क्या होगा? कुछ विद्वान तो यहां तक कहने लगे हैं कि इस सरकार ने इसे किसी के भरोसे छोड़ दिया है|
जिनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, वे अचानक बरसात के मौसम की तरह उग आए हैं, उन्हें नहीं पता कि उनका अंत कब होगा। लेकिन आज भी उन्हें पता नहीं है कि एकनाथ शिंदे कार्यवाहक मुख्यमंत्री हैं| सरकार अपने तरीके से काम कर रही है| सरकार हवा में नहीं बची है”, संजय शिरसाट ने कहा। शिरसाट ने यह भी उल्लेख किया कि “मैं समझता हूं कि सोमवार को, भाजपा पार्टी के नेता निरीक्षकों को भेजने जा रहे हैं और समूह नेता का चयन किया जाएगा।”
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