अफगानिस्तान में तालिबानी शासन ने लड़कियों की पढ़ाई पर पूरी तरह रोक लगा रही है। हाल में सामने आया कि अफगानिस्तान में महिलाओं कि मेडिसिन से जुड़ी पढ़ाई भी बंद की गई है। इस फैसले के बाद तालिबान सरकार से प्रतिबंध पर कई लोगों ने पुनर्विचार करने की बात की है। इन लोगों में अफगानिस्तान के स्टार क्रिकेटर राशिद खान और मोहम्मद नबी भी शामिल हैं।
राशिद खान ने अपने आधिकारिक x अकाउंट से पोस्ट पर लिखा की वह तालिबानी सरकार के इस फैसले से बहुत दुखी हैं। रशीद ने कहा, इस्लाम में तालीम का महत्व सभी के लिए है, और कुरान भी तालीम लेने की आवश्यकता पर जोर देता है। राशिद ने लिखा कि इस निर्णय के प्रभाव से न केवल औरतों के भविष्य पर पड़ेगा, बल्कि समाज के समग्र विकास पर भी इसका गहरा असर होगा। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान को चिकित्सा क्षेत्र में पेशेवरों की सख्त जरूरत है, खासकर महिला डॉक्टरों और नर्सों की, क्योंकि यह महिलाओं की स्वास्थ्य देखभाल और गरिमा को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है। राशिद ने तालिबान से अपील की कि वे अपने फैसले पर पुनर्विचार करें ताकि लड़कियाँ तालीम ले सकें और देश के विकास में योगदान दे सकें।
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— Rashid Khan (@rashidkhan_19) December 4, 2024
मोहम्मद नबी ने x अकाउंट से तालिबान का यह फैसला बेहद अन्यायपूर्ण होने की बात की है। अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद नबी ने बताया कि इस्लाम हमेशा सभी लोगों के लिए शिक्षा के महत्व को मान्यता देता है। नबी ने इस्लामी इतिहास का हवाला देते हुए कहा मुस्लिम इतिहास में कई प्रेरणादायक महिलाएँ हैं जिन्होंने ज्ञान के माध्यम से समाज में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। दोनों खिलाडियों ने तालिबानी सरकार से गुहार लगाई है कि वे कुछ बिंदुओं पर विचार करें और लड़कियों को पढ़ाई करने दें ताकि वे एक बेहतर अफगानिस्तान का निर्माण कर सकें।
— Mohammad Nabi (@MohammadNabi007) December 4, 2024
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बता दें की, अफ़ग़ानिस्तान में तख्ता पलट के बाद से महिलाओं के अधिकारों को लेकर कई प्रतिबंध लगाए गए है, जिनमें महिलाओं को अपने घर के बाहर घूमने, देश में कहीं भी अकेले घूमने, पढ़ने, काम करने पर प्रतिबंध लगाए गए है।