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Friday, December 13, 2024
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पूजा स्थलों ​​पर एससी का ​महत्वपूर्ण​ ​फैसला​:​​​ पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी. वाई चंद्रचूड़ ने ​दिया जवाब​!

सुप्रीम कोर्ट ने इन मामलों से जुड़े किसी भी आदेश या किसी भी सर्वे की इजाजत देने पर रोक लगा दी है​|​ भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ ने जवाब दिया है​|​ वह इंडिया इकोनॉमी कॉन्क्लेव 2024 में बोल रहे थे।

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​देश में विभिन्न धर्मों के पूजा स्थलों को लेकर चल रहे मुकदमों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने देश की सभी सत्र अदालतों को अहम आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को निर्देश दिया कि पूजा स्थल अधिनियम, 1991 की वैधता से संबंधित याचिकाओं का निपटारा होने तक किसी भी अदालत को धार्मिक स्थानों या तीर्थ स्थानों से संबंधित किसी भी नए मामले पर विचार नहीं करना चाहिए।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इन मामलों से जुड़े किसी भी आदेश या किसी भी सर्वे की इजाजत देने पर रोक लगा दी है|भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ ने जवाब दिया है|वह इंडिया इकोनॉमी कॉन्क्लेव 2024 में बोल रहे थे।

डी.वाई चंद्रचूड़ ने कहा, मैं अपने सहयोगियों की बेंच का सम्मान करता हूं|फिलहाल मैं इस मामले में अपनी राय व्यक्त करना उचित नहीं समझता|मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूँगा|वे क्या कर रहे हैं या उन्हें क्या करना चाहिए, इस पर आज उन्होंने अंतरिम आदेश दिया है|इस मामले पर चार हफ्ते बाद दोबारा सुनवाई होगी|

पीठ ने क्या कहा?: भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा, “चूंकि मामला इस न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है, इसलिए कोई नया दावा दर्ज नहीं किया जाएगा या कार्रवाई का आदेश नहीं दिया जाएगा।”हम ऐसे निर्देश जारी करना उचित समझते हैं। अदालतें लंबित मामलों में कोई अंतरिम आदेश या अंतिम आदेश पारित नहीं करेंगी।

पूजा स्थल अधिनियम क्या है?:
पूजा स्थल अधिनियम 1991 को राम मंदिर अयोध्या आंदोलन के दौरान पीवी नरसिम्हा राव ने बनाया था। इस एक्ट की वजह से देश में 15 अगस्त 1947 की तरह धार्मिक स्थलों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा| मस्जिदों और दरगाहों सहित विभिन्न धार्मिक स्थलों के सर्वेक्षण की मांग को लेकर देश की विभिन्न अदालतों में 18 मामले दायर किए गए हैं। इनमें संभल की शाही जामा मस्जिद, वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद और राजस्थान की अजमेर दरगाह शामिल हैं।

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