तमिलनाडु से भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई समेत कई भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं को शुक्रवार (20 दिसंबर) को कोयंबटूर में डीएमके सरकार के खिलाफ ‘ब्लैक डे रैली’ निकालने के कारण गिरफ्तार किया गया। भाजपा नेताओं ने कोयंबटूर बम विस्फोट मामले में दोषी को डीएमके सरकार द्वारा कथित समर्थन दिए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया था।
1998 के कोयंबटूर बम विस्फोटों में 58 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार आतंकवादी के महिमामंडन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए अन्नामलाई समेत भाजपा नेताओं को अरेस्ट किया गया। बम विस्फोट के मास्टरमाइंड एस.ए. बाशा की स्वास्थ्य आधार पर पैरोल पर रिहा होने के महीनों बाद 17 दिसंबर को मौत हो गई थी। बम विस्फोट मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद बाशा आजीवन कारावास की सजा काट रहा था, लेकिन पैरोल के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
वहीं भाजपा एक दोषी आतंकवादी के अंतिम संस्कार जुलूस की अनुमति देने के लिए डीएमके सरकार पर निशाना साध रही है। विरोध प्रदर्शन के तहत आज कोयंबटूर में ब्लैक डे रैली आयोजित की गई, जिसमें कोयंबटूर बम विस्फोट के पीछे आतंकवादियों का समर्थन करने के लिए डीएमके सरकार की निंदा की गई। अन्नामलाई के अलावा, भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष वनथी श्रीनिवासन, राज्य महासचिव ए.पी. मुरुगनंदम और अन्य भाजपा नेताओं को विरोध प्रदर्शन के लिए तमिलनाडु पुलिस ने गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए, अन्नामलाई के आधिकारिक एक्स हैंडल ने पोस्ट किया, “हम डीएमके सरकार के कायरतापूर्ण कृत्य की निंदा करते हैं, जिसमें तमिलनाडु भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक आतंकवादी के महिमामंडन की निंदा करने वाली रैली निकालने के लिए गिरफ्तार किया गया, जो 1998 में शांतिप्रिय शहर कोयंबटूर में 58 लोगों की जान लेने का कारण था।”
आतंकी बाशा की शवयात्रा दक्षिण उक्कदम से उत्तरी कोयंबटूर के फ्लावर मार्केट स्थित हैदर अली टीपू सुल्तान सुन्नत जमात मस्जिद तक अंतिम संस्कार के लिए ले जाई गई। हैरानी की बात यह है कि यह सार्वजनिक रूप से ज्ञात होने के बावजूद कि वह एक आतंकवादी था और कोयंबटूर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों का मास्टरमाइंड था, जिसमें 58 लोग मारे गए और 231 घायल हुए, 17 दिसंबर को कोयंबटूर में उसके अंतिम संस्कार में हजारों मुसलमान शामिल हुए।
भाजपा ने दोषी आतंकवादी की मौत के बाद उसके महिमामंडन की अनुमति देने के लिए डीएमके की आलोचना की है और आरोप लगाया है कि सरकार ने बाशा को शहीद का दर्जा दिया है। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने बुधवार को कहा कि डीएमके सरकार द्वारा बाशा के अंतिम संस्कार की अनुमति देना दिखाता है कि सत्तारूढ़ पार्टी “अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण” में लिप्त है। उन्होंने कहा था, “डीएमके सरकार आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है। मुख्यमंत्री को आतंकवाद को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए। कोयंबटूर में कार सिलेंडर विस्फोट की घटना के पीछे इस्लामी आतंकवादी थे और पुलिस उन्हें नियंत्रित करने में विफल रही।”
यह भी पढ़ें:
‘निज्जर की हत्या में भारत की मदद कर रहें थे रुसी राजदूत’: खालिस्तानी आतंकी संघटन SFJ का दावा!
‘गर्व से ईसाई’ हैं तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन!
अल-उम्माह का संस्थापक एस.ए. बाशा कोयंबटूर बम धमाकों के पीछे का मास्टरमाइंड था। आजम गौरी, सलीम जुनैद और फारूक अहमद जैसे आईएसआई एजेंट्स से पोषित बाशा ने हमलों को अंजाम देने के लिए अपने संगठन के नेटवर्क का इस्तेमाल किया। मुसलमानों के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा का बदला लेने की इच्छा से उसका चरमपंथी एजेंडा प्रेरित था।
कोयंबटूर धमाकों में अपनी भूमिका के अलावा, बाशा को 1993 में चेन्नई में आरएसएस कार्यालय में बम विस्फोट में था और उसी साल सांप्रदायिक दंगे भड़काने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया था। बाशा ने 2003 में कोयंबटूर की यात्रा से पहले गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को मारने की धमकी भी दी थी। उसे एक हिंदू मुन्नानी नेता की हत्या में भी दोषी ठहराया गया था।