इंडियन प्रीमियर लीग के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी को बॉम्बे हाई कोर्ट ने झटका दिया है|ललित मोदी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बीसीसीआई को उन पर लगे प्रवर्तन निदेशालय के 10.65 करोड़ रुपये के जुर्माने का भुगतान करने का निर्देश दिया था| हाईकोर्ट ने याचिका को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया| इसके साथ ही कोर्ट ने ललित मोदी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और कहा कि उन्होंने गलतफहमी की याचिका दायर की है|
उस समय हाई कोर्ट की बेंच ने कहा था, ‘ज़ी टेलीफिल्म्स के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि बीसीसीआई संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत एक ‘राज्य’ नहीं है, इसलिए इसके खिलाफ याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।’ ललित मोदी पर 2018 में विदेशी मुद्रा प्रबंधन उल्लंघन के लिए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 10.65 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था। ललित मोदी ने याचिका दायर कर बॉम्बे हाई कोर्ट से बीसीसीआई को यह जुर्माना भरने का निर्देश देने की मांग की थी|
उस समय ललित मोदी बीसीसीआई के उपाध्यक्ष थे| उस दौरान, उन्हें बीसीसीआई की एक उप-समिति, आईपीएल प्रशासनिक समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। याचिका में दावा किया गया है कि उपनियमों के अनुसार, बीसीसीआई को मोदी को मुआवजा देना होगा।
क्या है मामला?: ईडी ने 2009 के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टूर्नामेंट की जांच की थी। मोदी पर जुर्माना ईडी की एक बड़ी जांच का हिस्सा था, जहां कथित तौर पर फेमा मानदंडों का उल्लंघन करके 243 करोड़ से अधिक की रकम भारत से बाहर स्थानांतरित की गई थी।2009 में, आईपीएल टूर्नामेंट दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किया गया था क्योंकि यह भारत में लोकसभा चुनाव का समय था।
कुल 121 करोड़ रुपए का जुर्माना: 2018 में ईडी ने तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और अन्य पर 121.56 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। इसमें ललित मोदी पर 10.65 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था|ललित मोदी ने बीसीसीआई को यह जुर्माना भरने का निर्देश देने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी|
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