बता दें संगम तट पर पहले शाही स्नान से एक दिन पहले श्रद्धालुओं की विशाल भीड़ ने मेला स्थल को पूरी तरह से जीवंत कर दिया है। कल्पवासियों का रेला उमड़ने से पीपो (पांटून पुलों) के पुलों से लेकर सड़कों तक तिल रखने की जगह नहीं बची है। आज यानी रविवार से मास पर्यंत कल्पवास शुरू होगा। 13 जनवरी यानी पौष पूर्णिमा की प्रथम डुबकी के साथ मास पर्यंत जप, तप, ध्यान का मेला आरंभ हो जाएगा। इसके लिए देश-दुनिया से कल्पवासी परिवार के साथ निकल पड़े हैं।
शनिवार देर रात तक से काफी संख्या में कल्पवासी बांस, लकड़ी, पुआल के बीच पूरी व्यवस्था के साथ शिविरों में पहुंचते रहे। कल्पवासियों का कारवां चलने से पीपो के पुलों से लेकर सड़कों तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं।
मेला प्रशासन के अनुसार पौष पूर्णिमा के दिन सात करोड़ से अधिक लोगों के आने की संभावना है। इस भीड़ को ध्यान में रखते हुए, स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है। प्रयागराज में सेंट्रल अस्पताल के अलावा, प्रत्येक सेक्टर में 20-20 बेड की क्षमता वाले अस्पताल बनाए गए हैं।
प्रयागराज मेला क्षेत्र में यातायात व्यवस्था के मद्देनजर वाहनों के प्रवेश पर अगले पांच दिनों तक रोक लगा दी गई है। रविवार रात आठ बजे से यह व्यवस्था लागू होगी और 15 जनवरी की रात आठ बजे तक प्रभावी रहेगी। इस दौरान सिर्फ चिकित्सा व प्रशासनिक वाहन ही क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।
अलग-अलग जिलों से आने वाले सात प्रमुख मार्गों पर भी अंतर्जनपदीय पार्किंग व्यवस्था रविवार रात से ही लागू कर दी जाएगी। इसके तहत अलग- अलग मार्गों पर भारी व हल्के वाहनों के लिए अलग पार्किंग स्थल बनाए गए हैं।
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