प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर्व पर अखाड़ों के संत एवं नागा संन्यासी 10 घंटे से अधिक समय तक अमृत स्नान करेंगे। सबसे पहले संन्यासी परंपरा के महानिर्वाणी एवं शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के संत सुबह 6.15 बजे स्नान करेंगे। इसके लिए संत अपने शिविर से सवा पांच बजे प्रस्थान कर जाएंगे। वहीं, आखिरी में निर्मल अखाड़ा के संत दिन में 3.40 बजे से 4.20 बजे तक स्नान करेंगे।
बता दें कि मकर संक्रांति अमृत स्नान के दौरान अखाड़ा मार्ग पर श्रद्धालु भी घुस गए थे। बैरिकेडिंग भी टूट गई थी। इसके अलावा अखाड़ों के स्नान घाट पर भी श्रद्धालु पहुंच गए थे। इसे देखते हुए मौनी के लिए अखाड़ा मार्ग पर मजबूत बैरिकेडिंग की गई है। ताकि, लोग बैरिकेडिंग में घुस भी ना सकें। इसके अलावा अखाड़ों के स्नान घाट का विस्तार किया गया है। इसके लिए घाट को यमुनाजी की तरफ बढ़ाया गया है। इसके अलावा घाट पर भी बैरिकेडिंग की गई है।
मौनी अमावस्या के मौके पर साधु संतों और श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पर्षा की जाएगी। इसकी तैयारी कई दिनों से चल रही है। करीब 22 कुंतल फूल जिले के विभिन्न फूल कारोबारियों के अलावा दिल्ली से भी मंगाए गए हैं। फूल से पंखुड़ियों को निकालने का काम तीन दिनों से अनवरत चल रहा है। छह से सात राउंड पुष्पवर्षा की तैयारी की गई है।
मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर अमृत स्नान के दौरान संतों तथा श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी। पुष्प वर्षा संगम के साथ अन्य सभी घाटाें पर की जाएगी। इसके लिए 22 क्विंटल पुष्प एकत्रित किए गए हैं। पुष्प वर्षा के लिए हेलीकॉप्टर पुलिस लाइन मेें पहुंच गया है।
उप निदेशक उद्यान कृष्ण मोहन चौधरी ने बताया कि हेलीकॉप्टर से पांच से छह बार पुष्प वर्षा की जाएगी। हर बार अलग-अलग अफसर पुष्प वर्षा करेंगे। उन्होंने बताया कि पुष्प वर्षा की शुरुआत सुबह पौने सात बजे होगी। इसके लिए 22 कुंतल से अधिक पुष्प का इंतजाम किया गया है।
वहीं उद्यान प्रभारी महाकुंभ वीके सिंह ने बताया कि संतों और श्रद्धालुओं पर बरसाने के लिए स्थानीय स्तर पर गुलाब के फूल के इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा दिल्ली से भी फूल मंगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि गुलाब के फूलों से पंखुड़ियां अलग करने में 15 श्रमिक दो दिनों से लगे हैं।
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