दिल्ली में विधानसभा चुनावों के बीच प्रदूषित यमुना का बार बार मुद्दा उठा है। अरविंद केजरीवाल के यमुना साफ़ करने के वादे को पूरा न करने पर विपक्षी दल भाजपा हमेशा सवाल उठाता आया है। वहीं चुनावों के बीच अरविंद केजरीवाल भाजपा को घेरने के लिए हरियाणा वाले यमुना को जहरीला बनाने का आरोप लगा चुकें है। दरम्यान केजरीवाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंग सैनी पर जहरीला पानी भेजने के अपराध में एफआईआर दर्ज कराने की बात की है।
आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर दिल्ली में जानबूझकर “जहरीला पानी” भेजने और राष्ट्रीय राजधानी में कृत्रिम जल संकट पैदा करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। केजरीवाल ने इस मुद्दे पर आप नेताओं द्वारा की गई शिकायतों की कथित रूप से अनदेखी करने के लिए चुनाव आयोग (EC) की भी आलोचना की है।
मीडिया से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा, “आतिशी और भगवंत मान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इस मुद्दे को उठाया और उनसे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। हालांकि, कारवाई करने के बजाय, मुझे बोलने के लिए नोटिस दिया गया। मैंने दिल्ली में जल संकट को रोका, जबकि हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने शहर को दूषित पानी की आपूर्ति करके अपराध किया है।”
केजरीवाल ने आगे मांग की कि इस कृत्य के लिए सैनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने दावा किया कि इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं, खासकर चल रहे चुनाव के दौरान। उन्होंने चुनाव आयोग पर निष्क्रियता के आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि मामले पर उनकी चुप्पी के विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।
इस मुद्दे की गंभीरता को उजागर करने के लिए, केजरीवाल ने घोषणा की कि आप नेता 7 पीपीएम (प्रति मिलियन भाग) अमोनिया युक्त यमुना जल की तीन बोतलें लेकर चुनाव आयोग जाएंगे। “हम उन्हें देश के सामने वह पानी पीने की चुनौती देते हैं,”
#WATCH | Yamuna Water Row | AAP National Convenor Arvind Kejriwal says, "Atishi and Bhagwant Mann wrote a letter to the EC raising the issue and asking them to step in. EC did not take any action… Instead, I was served with a notice for raising my voice. I prevented a water… pic.twitter.com/TjmRn2h5fq
— ANI (@ANI) January 31, 2025
चुनावी मौसम के बीच दिल्ली और हरियाणा के बीच पानी की आपूर्ति को लेकर विवाद और बढ़ गया है, आप ने जानबूझकर राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने आरोपों का खंडन किया है। मामला और बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि दोनों दल जल संकट को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
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दरम्यान इंडिया टुडे की डेटा इंटेलिजेंस यूनिट ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और दिल्ली जल बोर्ड के आंकड़ों का विश्लेषण किया। आंकड़ों से पता चलता है कि जब यमुना दिल्ली और हरियाणा की सीमा पल्ला में दिल्ली में प्रवेश करती है, तो इसका बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) स्तर 4 mg/l होता है।
लेकिन जब यह वजीराबाद पहुँचती है, तो BOD का स्तर 6 mg/l तक बढ़ जाता है। आगे की ओर, प्रदूषण काफी खराब हो जाता है और ISBT ब्रिज पर BOD का स्तर 51 mg/l और ITO ब्रिज पर 66 mg/l तक बढ़ जाता है। एक नदी को तभी साफ माना जाता है जब उसका BOD स्तर 3 mg/l या उससे कम हो, जिसे दिल्ली के किसी भी केंद्र में पूरा नहीं किया जा सका है। इससे ये बात साफ़ होती है की यमुना को जहरीला करने वाला पानी असल में दिल्ली के वज़ीराबाद से निजामूद्दीन ब्रिज के दरम्यान प्रदूषित हो रहा है।