केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में इनकम टैक्स बिल 2025 पेश किया है|उन्होंने कहा कि मैं इस बिल को लोकसभा के पटल पर रख रही हूं| उस वक्त भी विपक्ष ने हंगामा जारी रखा| साथ ही, कुछ विरोधी बिल पेश होने से पहले ही सदन छोड़कर चले गए| आयकर अधिनियम 1961 में लागू किया गया था। उस समय इसमें 219 धाराएँ थीं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में नए खंड जोड़े गए। निर्मला सीतारमण ने बताया कि अब इस कानून में धाराओं की संख्या 819 है|
क्या बोलीं निर्मला सीतारमण?: अब हम 561 आर्टिकल का बिल लेकर आए हैं| मनीष तिवारी ने कहा कि नए इनकम टैक्स बिल में धाराएं ज्यादा हैं लेकिन ऐसा नहीं है| हम 819 धाराओं की जगह 561 धाराओं का विधेयक लेकर आये हैं| अब तक इस बिल में 4 हजार से ज्यादा बार संशोधन हो चुका है| इसलिए निर्मला सीतारमण ने कहा कि मनीष तिवारी को इस बिल पर नजर डालने की जहमत नहीं उठानी चाहिए थी|
विपक्ष के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है| हम कह सकते हैं कि हमने इस बिल में यांत्रिक नहीं बल्कि नीतिगत बदलाव किये हैं। निर्मला सीतारमण ने ये भी बताया| पिछले कुछ वर्षों में भारतीय कर प्रणाली में कई सुधार हुए हैं, जिससे आयकर अधिनियम, 1961 तेजी से जटिल हो गया है।
FM Nirmala Sitharaman introduces The Income-Tax Bill, 2025 in Lok Sabha@nsitharaman @FinMinIndia @ombirlakota @LokSabhaSectt pic.twitter.com/Ic6CMKZptX
— SansadTV (@sansad_tv) February 13, 2025
वर्तमान कर ढांचे में ऐसी कई छूट, कटौतियाँ और प्रावधान शामिल हैं; इससे अक्सर करदाताओं के बीच भ्रम की स्थिति पैदा होती है और कर विभाग और व्यक्तियों या व्यवसायों के बीच विवाद होता है। सरकार ने कई वर्षों से चले आ रहे टैक्स कानूनों को सरल बनाने के लिए यह बिल पेश किया है।
बिल आप पर क्या प्रभाव डालेगा?: मध्यम वर्ग लंबे समय से कर राहत की मांग कर रहा है, और 2025 के बजट में उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण कर कटौती शामिल है।वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में टैक्स देनदारियों में उल्लेखनीय कटौती की घोषणा की|
नया आयकर विधेयक कर भुगतान प्रक्रिया को सरल और कम बोझिल बना देगा और इन परिवर्तनों के आधार पर, वेतनभोगी व्यक्तियों, छोटे व्यवसायों और स्वरोजगार पेशेवरों को अधिक पारदर्शी कर प्रणाली से लाभ होगा| इससे कानूनी आवश्यकताओं के अनुपालन की लागत कम हो जाएगी और फाइलिंग प्रक्रिया सरल हो जाएगी।
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