उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार (22 फरवरी) को लखीमपुर-खीरी के कुंभी में आयोजित भव्य समारोह में बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड के 2850 करोड़ रुपए लागत से बन रहे बायोप्लास्टिक प्लांट का भूमिपूजन किया। साथ ही गोला गोकर्णनाथ जाकर गोला के काशी कॉरिडोर का भूमिपूजन किया।
महाकुंभ की सफलता पर हर्ष प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने नकारात्मक बयान देने वाले विपक्षियों को आड़े हाथों लिया। योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘महाकुंभ को लेकर कई लोग लगातार नकारात्मक बयानबाजी कर रहे हैं। पर महाकुंभ का सफल आयोजन कर न सिर्फ यूपी सरकार ने, बल्कि सनातन के सभी प्रतिनिधियों ने ऐसे लोगों के मुंह पर करारा तमाचा मारा है। ऐसे लोगों को आइना दिखाने का काम किया है।’ साथ ही उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, ‘अगर सरकार की क्षमता देखनी है तो महाकुंभ आ जाएं।’
महाकुंभ स्नान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है की, ‘’13 जनवरी से 22 फरवरी तक देश की आधी आबादी यानी करीब 60 करोड़ लोगों ने प्रयागराज पहुंचकर संगम में आस्था की डुबकी लगाई है। क्या ये कहीं और संभव है। नहीं, ये केवल और केवल यूपी में ही संभव है और आज पूरी दुनियां इसकी प्रशंसा कर रही है।”.
कुंभी में बायोप्लास्टिक प्लांट के उद्धघाटन पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देश का पहला बायोप्लास्टिक प्लांट होगा, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और पर्यावरण संरक्षण के संकल्प को साकार करेगा। यहां बनने वाली बोतल, प्लेट, कप और कैरी बैग्स पूरी तरह से डिस्पोजेबल होंगे और महज तीन महीने में खुद ही मिट्टी में मिल जाएंगे। उन्होंने कहा, 2850 करोड़ रुपये के निवेश से बनने वाला यह संयंत्र भारत का पहला इंटीग्रेटेड यूनिट होगा, जिससे प्रदेश के हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा, साथ ही किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी।
योगी आदित्यनाथ के अनुसार, यूपी सरकार यहां के युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के लिए प्लांट के साथ MOU करने जा रही है, जिससे पढ़ाई करने वाले छात्र सीधे रोजगार से जुड़ सकेंगे। उन्होंने कहा, यह प्लांट स्वीडन, ऑस्ट्रिया और अमेरिका की जीरो लिक्विड डिस्चार्ज तकनीक पर बना है, जिससे नदियां सुरक्षित रहेंगी।
बलरामपुर शुगर मिल फर्म द्वारा विकसित इस परियोजना का उद्देश्य मक्का, सूरजमुखी और चुकंदर जैसी प्राकृतिक सामग्रियों से बायोप्लास्टिक का उत्पादन करके पर्यावरण प्रदूषण से निपटना है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है। इस पहल से क्षेत्र में कई नौकरियां पैदा होने और सहायक उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इस प्रोजेक्ट से लखीमपुर खीरी के स्थानीय लोगों को कारखाने में रोजगार मिलेगा। वहीं क्षेत्र के लोगों को भी इस कारखाने के संचालन के बाद आर्थिक और व्यवसायिक लाभ होगा।
कुंभी में प्लांट के भूमि पूजन के बाद सीएम योगी गोला के लिए रवाना हो गए। यहां पर सीएम ने गोला गोकर्णनाथ धाम के निर्माण के भूमिपूजन किया, साथी ही काशी कॉरिडोर का शिलान्यास किया। दरम्यान जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, लखीमपुर-खीरी के सभी जनप्रतिनिधि विकास के सपनों को साकार करने में लगे हुए हैं। कोई कॉरिडोर में, कोई एयरपोर्ट में तो कोई नये प्लांट स्थापित करने में लगा है, अब इसमें कोई संशय नहीं कि जल्द ही लखीमपुर-खीरी देश के विकसित जनपदों में शामिल होगा।
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गोला गोकर्णनाथ कॉरिडोर 19524.670 वर्ग मीटर में 96 करोड़ की लागत से बनेगा। मंदिर जाने के लिए कुल तीन द्वार बनाए जाएंगे। अंगद धर्मशाला के पास से मुख्य गेट बनाया जाएगा। जहां से होकर भक्त सीधे मंदिर जा सकेंगे। मुख्य मार्ग के दक्षिण दिशा में पार्किंग की व्यवस्था होगी।