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Saturday, December 6, 2025
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राक्षसी हमास का सिर्फ विरोध होगा

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७ अक्टूबर 2023 को आतंकी संगठन हमास ने 1200 मासूम इजरायलियों को मार दिया, और कुछ बंधक बनाकर ले गए, इनमें वो सिर्फ ऐसे लोगों को बंधक बनाकर ले गए थे, जो इनका विरोध नहीं कर पाएंगे, जो कभी इनके ख़िलाफ़ लड़ नहीं पाएंगे। और ऐसे लोग कौन थे?छोटे-छोटे बच्चे और कमजोर महिलाऐं।

जब आप सामर्थ्यशाली, संघटीत, और सज्जन देश से युद्ध छेड़तें है तो आपको आपकी गलती के 100 गुना भारी नुकसान उठाना पड़ता है। यही हुआ भी, इजरायल ने जब युद्ध में एंट्री ली तो पूरी तैयारी के साथ,हमास ने आम इजरायली मारे उन्हें मिलाकर कुल 1,980  इजरायली इस युद्ध में मारे गए है, लेकीन इजरायल ने जो गाजा में तांडव किया उसमें 68 हजार से अधिक हमास और गाजा के लोग मारे गए है। 16 हजार से अधिक लोगों को कैद कर रखा गया है।

इस युद्ध का आर्थिक बोझा और गाजा के आम लोगों की होती मृत्यु को देखकर दुनियाभर से इजरायल को रुकने की अपील की जा रही थी। गाजा के लोगों तक मेडिकल या रेशन की मदत भी नहीं पहुंच रही थी, इस बात पर पूरी दुनिया इजरायल को कोस रही थी। आम लोगों के घर, अस्पताल, स्कुल, मस्जिदे बिना देखे उड़ाने के आरोप लगाए जा रहे थे। हमास के तरफ से इतनी घटिया लेवल का प्रोपोगेंडा किया जा रहा था, दुनिया भर के सैलिब्रिटीज को पैसे दे-देकर ‘आल आइज ऑन राफ़ा’ जैसे कैंपेन करवाए जा रहे थे। इसी से इजरायलियों-यहूदियों पर दुनियाभर में नस्लवादी हमले किए गए। बड़ी-बड़ी युनिवर्सिटीज में इजरायल और यहूदियों का विरोध करने के लिए कल्चरल मार्क्सिस्टों ने एड़ी चोटी का ज़ोर लगाया।

यह सब का दबाव कहो या सद्गुणों का अवलंबन, इजरायल-हमास के साथ सुलाह करने के लिए तैयार हो गया, इस सुलाह की शुरुवात सीज़फायर से होनी थी, जिसमें दोनों पक्षों ने अस्थायी रूप से सक्रिय लड़ाई को रोकने पर सहमति जताई। इस सीजफायर का उद्देश्य हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई को सुगम बनाना था। हमास के अनुपालन के बदले में इजरायल से कुछ फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने की भी उम्मीद थी। साथ ही इस युद्ध विराम के जरिए गाजा के प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय सहायता पहुँचाना भी शुरू हो चूका था। और इसी समझौते से इजरायल और हमास के बीच आगे की चर्चाओं के लिए समय मिला था, हमास को गाजा एक अवसर मिला था, एक आखरी मौका मिला था। लेकीन अराजक प्रवृत्ती के लोगों को शांति पसंद नहीं होती। चाहे अपनों की कितनी ही लाशें ही क्यों न बिछ जाए ये लोग अराजक के जरिए अपनी शक्ति बनाए रखना ज्यादा पसंद करते है।

इस सीज़फायर के बाद इजरायल की चोट पर नमक़ रगड़ने के लिए आतंकी संगठन हमास ने दो दिन पहले इज़रायली बंधकों को रिहा किया लेकिन उनमें से कइयों के केवल शव भेजे। इसमें इन दोनों बच्चों के शव थे…ये मासूम बच्चे जब बंधक बनाए गए थे, तब ठीक थे, लेकिन हमास के आतंकवादियों ने उन्हें बंधक बनाकर मार डाला। इन बच्चों के शव इजरायल को भेजे जाते उससे पहले हमास के दरिंदो ने उनके शव की परेड निकली और आसपास खड़े गाजा के नागरिक उस पर ख़ुशीयां मना रहे थे। बच्चों के साथ एक और शव भेजा गया जिसे उन्होंने शिरी बिबास का शव बताया यानी इन बच्चों की मां का शव, लेकिन इज़रायली सरकार ने स्पष्ट किया कि वह शव शिरी बिबास का नहीं था…किसी गाजा की महिला को मारकर उसका शव भेजा गया था। हमास ने भेजे शवों में पर अलग-अलग “वीर्य के निशान” पाए गए हैं और इजरायल की फोरेंसिक टीमें उनकी जांच कर रही है।

ये सब हमास ने क्यों किया था, इजरायल से शांति के बदले युद्ध करने के लिए। उन्होंने 7 अक्तूबर को जो कायराना हमला किया उससे पहले ही उन्हें अपने कर्मों का हिसाब क्या होगा पता था, वो तो बस दुनिया को अपनी छवि पीड़ित की दिखाना चाहते थे। अगर ऐसा नहीं होता तो हमास के पास अपनी गलती को सुधारने का मौका होने के बावजूद वो 1 साल और 4 साल के बच्चों के गले अपने हाथों से घोंटने की बर्बरता नहीं करते। दुनिया को इनका घटिया चेहरा पहले ही देख लेना चाहिए था।

बीते दिनों हमास के कई नेता पाकिस्तान आकर गए थे,भारत से कश्मीर को आज़ाद कराने की भभकियां दे रहे थे, इनके मुंह से मूंगफली टूट नहीं रही इन्हें पिछवाड़े से नारियल तोड़ने की चूल मची है। लेकीन भारत के बड़े बड़े सेलीब्रिटी, फैक्ट चेकर, पत्तलकार, प्रोफेसर, नेता इनके लिए फूल बरसा रहें होते है। फ़िलहाल तो भारत की तरफ़ नजरें तेढी कर देखने वाले इस संगठन का समर्थन कोई भी करे उसे भी उनकी तरह एक दानव ही समझा जाना चाहिए। क्योंकि मानव और दानव में basic difference यही होता है की मानव शांति चाहते है …इस शांति के लिए मानव समझौते कर लेते है…मानव co-exiestance के महत्व को समझते है…मानव अन्याय की परिभाषा जानते है इसीलिए कोशिश करते है की वो अन्याय के विरोध में खड़े हों…अन्याय भले अपने करे या पराए मानवी विचार अन्याय के ख़िलाफ़ खड़े होते है…

दानवी प्रवृत्ति के लोग…किसी से कोई समझौता नहीं करते, वो समझौते का विरोध इसीलिए करते है क्योकि उन्हें अराजक पसंद होता है… अराजक के माहौल को बनाए रखकर दुनिया को जलाता हुआ रखकर उसपर राज करना उनका उद्देश्य होता ही होता है…

भगवद गीता में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को राक्षसी लोगों के अवगुण बताते है…
दम्भो दर्पोऽभिमानश्च क्रोध: पारुष्यमेव च। अज्ञानं चाभिजातस्य पार्थ सम्पदमासुरीम् ॥ ४ ॥
अर्थात, अहंकार, दंभ, क्रोध, कठोरता और अज्ञान ये सभी गुण राक्षसी स्वभाव के हैं।

आज भी दुनिया में कई दुष्ट प्रवृत्तियां है, उनमें से हमास जैसी प्रवृत्तियां नंगा नाच कर रही है लेकीन अपने आप को गर्व से मानवी मूल्यों का पोषक कहने वाला समाज आंखो पर इस कदर पट्टी बांधकर घूम रहा है की गांधारी को भी कॉम्प्लेक्स आजाए!

दुनियाभर के सज्जन ऐसी प्रवृत्तियों से सीधे तौर लड़ नहीं सकते, इनका सामना नहीं कर सकते तो कमसे कम उन्हें बोलना होगा, उनके ख़िलाफ़ लिखना होगा, उनका विरोध करना होगा, इजरायल को मदत न कर सको ठीक है…लेकीन कम से कम इजरायल को विरोध करना बंद करना होगा…क्योंकि हमास और इजरायल में अंतर यही है की हमास अराजक के लिए लड़ना चाहता है चाहे कितना भी खून बहे, लेकीन इजरायल शांति के लिए लड़ना चाहता है, जिससे उनके लोग सुरक्षित रहें।

यह भी देखें:

https://youtu.be/EGiThPHm7x0

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