नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फ़रवरी को हुई भगदड़ मामले में रेलवे प्रशासन की ओर जारी मौत के आकड़े को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई से इसकी जांच कराने की मांग की गयी थी| इसके साथ याचिकाकर्ता आनंद लीगल एड फोरम ट्रस्ट ने अपने दलील में कहा था कि रेलवे प्रशासन यात्रियों की मौत के आकड़े को छिपा रही है|वही, याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया की प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रेलवे प्लेटफॉर्म पर हुई भगदड़ में लगभग 200 से अधिक की मौंते हुई हैं, जिसे रेलवे छिपा रहा है|
बता दें कि इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि क्या याचिकाकर्ता यह दावा कर रहा है कि राज्य सरकार इस मुद्दे को पूरी तरह से नजरअंदाज कर रही है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि 200 मौतों के कथित दावे का क्या सबूत है? याचिकाकर्ताओं के वकील की संक्षिप्त सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने टिप्पणी की कि प्रभावित लोगों को कोर्ट में आना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने अदालत के सामने रेलवे अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की| साथ ही रेलवे स्टेशन और अस्पतालों के सभी सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने की मांग की| मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से 200 लोगों की मौत के दावे का सबूत मांगा| साथ ही अदालत ने कहा कि प्रभावित लोगों को अदालत जाने दें| ये कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आनंद लीगल एड फोरम ट्रस्ट की याचिका को खारिज कर दिया|
15 फरवरी की देर रात को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 13-14 पर उस समय भगदड़ मच गई, जब यात्रियों के बीच प्रयागराज जा रही दो ट्रेनों के रद्द होने की अफवाह फैली| इस हादसे में 18 लोगों की मौत की पुष्टि की गई थी| वहीं कई लोग घायल भी हुए थे| हादसे के बाद रेलवे ने विशेष ट्रेनों की व्यवस्था कर प्लेटफॉर्म पर भीड़ का दबाव कम किया था| रेलवे ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए थे|
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में हुई 15 लोगों की मौत दम घुटने की वजह से हुई बताई गयी| यह मौतें सीने पर जोरदार दबाव पड़ने की वजह से हुईं| इसके अलावा दो लोगों की मौत हेमोरेजिक शॉक की वजह से हुई, जो सीने पर तेज चोट लगने से हुआ| जबकि एक व्यक्ति की मौत सिर पर यात्रियों के भारी दबाव की वजह से हुई|
यह भी पढ़ें-
कोहली को लेकर एक ट्वीट में बॉलीवुड अभिनेत्री प्रीति जिंटा को यूजर का करारा जवाब!