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Thursday, March 6, 2025
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UP: योगी सरकार ऐप से करेगी टीकाकरण की निगरानी, नहीं छूटेगा कोई बच्चा!

पांच मॉड्यूल में संकलित प्रशिक्षण: पूरे प्रशिक्षण को पांच मॉड्यूल में विभाजित किया गया है। यहां से प्रशिक्षण लेने के बाद प्रशिक्षक हर 15 दिन में टीकाकरणकर्ताओं को ट्रेनिंग देंगे।

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य के सभी बच्चों का नियमित टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए स्टाफ नर्स, एएनएम और हेल्थ विजिटर्स को डिजिटल रूप से प्रशिक्षित कर रही है। इसके लिए रैपिड इम्यूनाइजेशन स्किल एन्हांसमेंट (राइज) ऐप का उपयोग किया जाएगा।

इस ऐप के माध्यम से प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी टीकाकरण कार्यक्रम, सत्र प्रबंधन, टीकों की सुरक्षा, कोल्ड चेन प्रबंधन, टीकाकरण के बाद संभावित प्रतिकूल प्रभाव और टीकाकरण से इनकार करने वाले अभिभावकों की निगरानी कर सकेंगे और उनके बच्चों को समय पर टीका लगवाने में मदद कर सकेंगे।

राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य टीकाकरण से जुड़े स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के कौशल और कार्यक्षमता में सुधार करना है। नियमित टीकाकरण प्रक्रिया में समय-समय पर नए दिशानिर्देश और तकनीकी बदलाव होते रहते हैं, जिन्हें इस ऐप के माध्यम से स्वास्थ्य कर्मियों तक तेजी से पहुंचाया जा सकेगा।

पायलट प्रोजेक्ट में सफलता के बाद पूरे प्रदेश में लागू: डॉ. गुप्ता ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देश के 181 जिलों में इस ऐप का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया, जिसके बाद अब इसे उत्तर प्रदेश में लागू कर दिया गया है।

प्रदेश के सभी 75 जिलों में जिला स्तरीय अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, और अब ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों का प्रशिक्षण जारी है। इस कार्यक्रम से करीब 52,175 टीकाकरणकर्ताओं को लाभ मिलेगा।

तेजी से पहुंचेगी जानकारी: इस ऐप के इस्तेमाल से टीकाकरण में हो रहे बदलावों की जानकारी स्वास्थ्य कर्मियों तक तुरंत पहुंचाई जा सकेगी, जिससे टीकाकरण प्रक्रिया अधिक कुशल और समय पर संपन्न होगी। वर्तमान प्रणाली में इन जानकारियों को स्वास्थ्य कर्मियों तक पहुंचने में समय लगता था, लेकिन राइज ऐप इस प्रक्रिया को काफी तेज बना देगा।

पांच मॉड्यूल में संकलित प्रशिक्षण: पूरे प्रशिक्षण को पांच मॉड्यूल में विभाजित किया गया है। यहां से प्रशिक्षण लेने के बाद प्रशिक्षक हर 15 दिन में टीकाकरणकर्ताओं को ट्रेनिंग देंगे। प्रशिक्षण से पहले और बाद में मूल्यांकन (असेसमेंट) किया जाएगा।

85-100% अंक पाने वाले प्रतिभागियों को गोल्ड सर्टिफिकेट मिलेगा।
70-85% अंक हासिल करने वालों को रजत प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

इस नई पहल के जरिए उत्तर प्रदेश में टीकाकरण की निगरानी मजबूत होगी और कोई भी बच्चा टीका लगवाने से वंचित नहीं रहेगा।

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