ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि 2020 से अब तक राज्य के सरकारी और निजी स्कूलों तथा कॉलेजों में 72 छात्रों ने आत्महत्या की है। मुख्यमंत्री माझी ने कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि छात्रों में बढ़ते मानसिक तनाव और अन्य सामाजिक कारणों की वजह से आत्महत्या की घटनाएं हो रही हैं।
मुख्यमंत्री माझी ने कहा, “वर्ष 2020 से 2025 (28 फरवरी 2025 तक) के बीच 72 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं।” जिसके कारण स्कूल के छात्रावासों में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध, परीक्षा और प्रेम संबंधों से उत्पन्न तनाव, शैक्षणिक दबाव, माता-पिता की पाबंदियां और घरेलू कलह, मनोवैज्ञानिक समस्याएं और मानसिक असंतुलन, साथी छात्रों, स्कूल और कॉलेज प्रशासन द्वारा उत्पीड़न इत्यादी बताए गए है।
बता दें की, भुवनेश्वर के केआईआईटी विश्वविद्यालय में हाल ही में एक नेपाली छात्रा के ख़ुदकुशी का मामला सामने आया था, जिसमें साथी आरोपी छात्रों द्वारा उत्पीड़न और शैक्षिणिक संस्थान अधिकारियों की लापरवाही को उजागर किया था. छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीड़िता की उत्पीड़न की शिकायतों को नजरअंदाज किया, जिससे यह दुखद घटना हुई।
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साथ ही राज्य सरकार ने खुलासा किया कि जुलाई 2024 से अब तक ओडिशा सरकार के एसटी और एससी विकास विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों में 26 छात्रों की मौत हो चुकी है।